न होते पुलवामा जैसे हमले, अगर वाजपेयी सरकार न करती यह गलती

Friday, Feb 15, 2019 - 09:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क (मनीष शर्मा) : ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने , लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई। मुज़फ़्फ़र रज़्मी का शेर 1999 में केंद्र  में वाजपेयी सरकार का कंधार हाईजैक पर लिए गए निर्णय पर फिट बैठता है। 176 यात्रियों के बदले अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने मसूद अजहर सहित तीन आतंकियों को छोड़ दिया था।

क्या था कंधार हाईजैक मामला

  • 24 दिसंबर 1999 को नेपाल से दिल्ली आने वाली इंडियन एयरलाइंस एयरबस ए300 का अपहरण कर लिया गया।अपहरणकर्ता विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार, अफगानिस्तान ले गए
  • जहाज में क्रू मेंबर सहित 180 लोग सवार थे।
  • अपहरणकर्ताओं ने शुरू में भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमरीकी डॉलर नगद देने की मांग की।
  • अपहरण का यह सिलसिला सात दिनों तक चला।
  • सात दिन बाद 31 दिसंबर 1999 को अपहरणकर्ता तीन कैदियों की रिहाई की मांग पर आकर मान गए।
  • अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद उन तीन कुख्यात आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, अहमद ज़रगर और शेख अहमद उमर सईद को लेकर कंधार के लिए रवाना हुए।
  • तीनों आतंकियों के रिहा होते ही विमान संख्या आईसी-814 में बंधक बनाए गए सभी यात्रियों को रिहा कर दिया गया।

1999 के बाद भारत में जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए उसमें मसूद अजहर का हाथ ज़रूर रहा है। जम्मू कश्मीर के इतिहास का अबतक का सबसे बड़ा आतंकी हमला  पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर ही है। इस हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए हैं। पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश ए मोहम्मद के एक आतंकवादी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया। हमला करने से पहले आतंकी डार ने वीडियो रिलीज़ कर कहा था कि जिस समय वीडियो लोगों को मिलेगा वह जन्नत के मज़े लूट रहा होगा। वहीँ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित पक्ष विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।

उधर चीन ने पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने की भारत की अपील का समर्थन करने से फिर इनकार कर दिया है। भारत कई समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में  शामिल करने प्रयास कर  रहा है। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है और बिना जांच के इसके तार इस्लामाबाद से जुड़े होने के भारत के आरोपों को खारिज किया है। बयान में कहा गयाहै, " हम जांच के बगैर इस हमले से पाकिस्तान को जोडऩे की भारतीय सरकार के किसी भी व्यक्ति या मीडिया की कोशिशों को सिरे से खारिज करते हैं।"

वहीँ  भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में ‘सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन)’ का दर्जा वापस ले लिया है। इस कदम के बाद भारत पड़ोसी देश से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा सकेगा। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान का प्रमुख तरजीही राष्ट्र यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया गया है। भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था।

shukdev

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