PAK और हुर्रियत नेताओं की वार्ता पर मोदी सरकार को ऐतराज नहीं : VK सिंह

Tuesday, May 03, 2016 - 08:06 AM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा को इस बात से कोई ऐतराज नहीं है कि हुर्रियत के नेता पाकिस्तान से बात करें। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है और अलगाववादी नेता भारत के नागरिक हैं, लिहाजा वे किसी से भी बात कर सकते हैं लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत में तीसरे पक्ष की भूमिका की कोई आवश्यकता नहीं है। दोनों देशों के बीच बातचीत शिमला समझौता और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार ही होगी। इस मुद्दे पर भारत अपनी ओर से कई बार सफाई दे चुका है।

अगस्त 2014 में जब पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित और हुॢरयत नेताओं के बीच मुलाकात हुई तो सरकार ने दोनों देशों के बीच होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द कर दिया था। भारत सरकार द्वारा नापसंद किए  जाने  के  बावजूद 2001 में हुए आगरा समिति के बाद से ही हुर्रियत के नेता पाकिस्तान से बात करते आए हैं।

भारत सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह भी दिया है कि दोनों के बीच बातचीत का कोई आधार नहीं है। 2015 में ऊफा घोषणा पत्र के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में हुॢरयत का मामला सामने आया। हुर्रियत नेताओं की बातचीत की वजह से दोनों देशों के बीच वार्ता टल भी गई।

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