UNHCR में पाक को भारत की नसीहत, पहले अपने सिंध और बलूचिस्तान को संभाले

Saturday, Sep 14, 2019 - 12:38 PM (IST)

जेनेवा: UNHCR के 42वें सत्र के दौरान शुक्रवार को भारत की सेकंड सेक्रेटरी कुमाम मिनी देवी ने पाक के लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया। उन्होने पाक के सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन के मामले उठाए और कहा कि, कश्मीर पर झूठी खबरें फैलाने से पहले पाक अपने इन राज्यों में लाखों लोगों के मारे जाने के मामले को देखना चाहिए।

सत्र के दौरान पाकिस्तान के लगाए गए आरोपों पर भारत के राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कुमाम मिनी देवी ने कहा, ‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पाकिस्तान लगातार बातों का झूठा और गलत मतलब दुनिया के सामने पेश करता रहा है। हम कहेंगे कि अब पाक को मान लेना चाहिए कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह भारत का आंतरिक मसला है और पाक के झूठे बयानों से इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। कश्मीर की बजाय हम पाकिस्तान को उसके यहां गायब हो रहे लोगों और बढ़ती हत्याओं के मामलों को देखने की सलाह देंगे जिनकी संख्या लाखों में हैं, खासतौर से पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध को लेकर।’

वहीं इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने UNHCR की बैठक में भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि दशकों से भारतीय दमन के शिकार करीब 80 लाख कश्मीरी भारतीय सेना के गैर-कानूनी कब्जे के कारण पिछले छह हफ्तों से पूरी तरह से कैद में रहने को मजबूर है। जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा था कि एक डेलिगेशन यहां सीधे झूठी बातें कह रहा है। दुनिया जानती है कि यह बातें ऐसे आतंक के केंद्र से आ रही हैं जो लंबे समय से आतंकियों का पनाहगाह रहा है। यह देश वैकल्पिक डिप्लोमेसी के तौर पर क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का इस्तेमाल करता रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार देश के तौर पर भारत मानवाधिकार की सुरक्षा में विश्वास रखता है।

इतना ही नहीं सिंह ने आयोग के सामने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। हमारी सरकार सामाजिक और आर्थिक समानता और न्याय के लिए प्रगतिशील नीतियां अपनाकर सकारात्मक कदम उठा रही है। कश्मीर में जो पाबंदियां लगाई गई हैं, वो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू की गई हैं। पाक के सभी आरोप बेबुनियाद और झूठें हैं। उन्होंने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए कहा था कि भारत किसी देश का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।

prachi upadhyay

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