UN से पाकिस्तान को बड़ा झटका, हाफिज सईद से नहीं हटेगा बैन

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2019 - 05:03 PM (IST)

इंटरनैशनल डैस्कः आंतकवाक की पनाहगाह बने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र (UN) से बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद पर लगा बैन हटाने से इंकार कर दिया है। इसे संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी हाफिज सईद की वो अपील खारिज कर दी है जिसमें उसने कहा था कि उसका नाम प्रतिबंधित लोगों की सूची से हटा दिया जाए। यह जानकारी सरकार के सूत्रों ने गुरुवार को दी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का नया अनुरोध प्राप्त हुआ है। पुलवामा हमले में के 40 जवान शहीद हो गए थे।


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आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई के 26/11 हमले में उसका हाथ होने की बात सामने आई थी जिसमें 6 अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे। उस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से उसे सौंपने को कहा था।अमेरिका द्वारा जारी, दुनिया में 'आंतकवाद के लिए जिम्मेदार' लोगों की सूची में हाफिज सईद का भी नाम है। 2012 से इसके ऊपर अमेरिका ने एक हजार करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमलों के बाद अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था।

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वर्ष 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रखा, हालांकि हाफिज सईद इस बात से इन्कार करता है कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। मुंबई हमलों के बाद सईद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए पाकिस्तान ने छह महीने से कम समय तक नजरबंद रखा था।


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लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था। हाफिज सईद ने अफगानिस्तान में जिहाद का प्रचार करने और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 1985 में जमात-उद-दावा-वल-इरशाद की स्थापना की और लश्कर-ए-तैयबा उसकी शाखा बनी।1990 के बाद जब सोवियत सैनिक अफगानिस्तान से निकल गए तो हाफिज सईद ने अपने मिशन को कश्मीर की तरफ मोड़ दिया। भारत सरकार 2003, 2005 और 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदारी मानती है। भारतीय संसद पर हमले की कड़ी भी इसी गुट से जुड़ती है। मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है, वहीं अमेरिका ने इसे विशेष निगरानी सूची में रखा है।[

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गौरतलब है कि सईद के संगन जमात-उद दावा (जेयूडी) और इसकी इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को प्रतिबंधित नहीं किया गया है, बल्कि इन्हें निगरानी संगठनों की सूची में रखा गया है। हालांकि पाकिस्तान ने एक पखवाड़े पहले इनपर रोक लगाने का ऐलान किया था। पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण (एनसीटीए) की वेबसाइट के मुताबिक जेयूडी और एफआईएफ संगठन आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 की दूसरी अनुसूची की धारा 11-डी-(1) के तहत गृह मंत्रालय की निगरानी में हैं। यह वेबसाइट सोमवार को ही अपडेट हुई है।


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Tanuja

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