महबूबा के बाद उमर अबदुल्ला भी हिरासत में लिए गए, अगले आदेश तक हिरासत में रहेंगे

Monday, Aug 05, 2019 - 09:07 PM (IST)

नेशनल डेस्कः रविवार की रात से नजरबंद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने ब्योरा साझा किए बिना बताया कि कुछ और गिरफ्तारियां हुई हैं। केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटे जाने के कुछ घंटे बाद ये गिरफ्तारियां हुईं।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर उठाए गए सरकार के कदम को लेकर सोमवार को कहा कि भारत कश्मीर के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा। सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि “अनुच्छेद 370 निरस्त” करने का सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है।

महबूबा ने ट्विटर पर कहा था कि इससे जम्मू-कश्मीर पर सारे अधिकार भारत को मिल जाएंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह दिन है। 1947 में दो राष्ट्रों के सिद्धांत को खारिज करने तथा भारत के साथ जाने का जम्मू कश्मीर नेतृत्व का फैसला भारी पड़ गया।

अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है जो जम्मू-कश्मीर को चलाने का पूरा अधिकार भारत को दे देगा। “यह उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा। भारत सरकार की मंशा साफ है। वे जम्मू कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस पर अपना अधिकार चाहते हैं। भारत कश्मीर के साथ किए गए वादों को निभाने में विफल रहा।”

पीडीपी नेता ने कहा कि राज्य के संबंध में उठाए गए कदमों पर मीडिया एवं सिविल सोसाइटी का खुशी मनाना ‘‘घृणास्पद एवं परेशान करने वाला है।” उन्होंने ट्वीट किया, “भारत सरकार की मंशा साफ एवं बेईमान हैं। वे भारत में केवल मुस्लिम बहुल राज्यों की आबादी की संरचना को बदलना चाहती है, मुस्लिमों को इस हद तक बेबस बना देना चाहते हैं कि वे अपने ही राज्य के दोयम दर्जे के नागरिक बन जाएं। “पहले से ही नजरबंद हूं और आगंतुकों को भी नहीं मिलने दिया जा रहा। पता नहीं कब तक संपर्क नहीं कर पाऊंगी। क्या यह वह भारत है जिसे हमने स्वीकार किया था?”


 

Yaspal

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