Ukraine War: यूरोपीय संघ ने 48 घंटे में 120 रूसी राजनयिक निकाले; कोयले का आयात रोका, भड़क गया रूस

Wednesday, Apr 06, 2022 - 01:07 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन के बुचा में की गई रूसी सैनिकों की बर्बरता ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। बेशक पिछले महीने रूस और यूक्रेन के बीच शांति को लेकर बैठक हुई और कुछ शहरों में आक्रमण को कम करने पर सहमति भी बनी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। युद्ध पहले से भी कहीं ज्यादा विध्वंसक हो गया है। रूसी सेना आम नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर रही है। हजारों बच्चे अनाथ हो चुके हैं। यूक्रेन के बूचा में रूसी सेना के नरसंहार के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देश भड़के हुए हैं।

पिछले 48 घंटे में कई देशों ने 120 से अधिक रूसी राजनयिकों को देश से निकाल दिया है। इनमें से अधिकतक राजनयिकों पर रूस के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है।रूसी राजनयिकों को निष्कासित  करने वाले देशों में स्पेन, इटली, डेनमार्क और स्वीडन, जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं। यूरोपीय संघ ने आज ही रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए 3 बिलियन से अधिक के कोयले के आयात पर रोक लगा दी है। हालांकि, जर्मनी और ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण रूसी गैस और तेल सप्लाई पर प्रतिबंध का ऐलान नहीं किया जा सका।

 

जर्मनी ने  लिया एक्शन
 रूसी सैनिकों के द्वारा यूक्रेन के बुचा में की गई बर्बरता दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। बुचा में चार सौ से अधिक नागरिकों के शव पाए गए और इन सभी लाशों को एक गड्ढे में दफना दिया गया। अब बुचा नरसंहार के खिलाफ जर्मनी ने रूस पर एक्शन लेते हुए रूस के 40 राजनयिकों को अपने यहां से निकाल दिया है। जर्मनी की तरफ से इन राजनयिकों को वहां आने से मना कर दिया गया है। जर्मनी की इस प्रतिक्रिया के बाद देखना है रूस का अगला कदम क्या हो सकता है।

 

इटली ने दिया अल्टीमेटम
रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी के इस सख्त फैसले के बाद रूसी राजनयिकों के पास देश छोड़ने के लिए पांच दिन का वक्त है। यह भी आरोप लगाया गया कि यह सभी लोग रूसी जासूसी एजेंसी के लिए काम करते थे। इससे पहले इटली ने भी सुरक्षा चिंताओं के कारण 30 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इटली ने रूस के राजदूत को यह बताने के लिए तलब किया है कि राजनयिकों को निष्कासित किया जा रहा है। 


बेल्जियम  19 रूसी राजनयिक निकाले
 यूरोपीय संघ ने कहा कि बेल्जियम से 19 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया जा रहा है। ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने मंगलवार को एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘मैंने ईयू के रूसी संघ के स्थायी मिशन के कई अधिकारियों को उनके राजनयिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने के कारण अवांछित व्यक्ति नामित करने का फैसला किया है।'' उन्होंने कहा कि इस कदम पर स्पष्टीकरण के लिए रूसी दूत को ईयू में तलब किया गया है।  

 
भारत ने  रूसी सेना के बुचा नरसंहार को बताया ''पीड़ादायक'' 
 संयुक्त राष्ट्रः भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट पर चुप्पी तोड़ी । भारत ने  बुचा शहर में रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों के मारे जाने संबंधी खबरों को ''बेहद परेशान '' करने वाला व "पीड़ादायक" करार देते हुए इस कृत्य की कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर संरा सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि बुचा में नागरिकों के मारे जाने संबंधी हालिया खबरें काफी परेशान करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि भारत बुचा हत्याओं की निंदा करता है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करता है।  

 रूस  ने धमकी
 रूस ने कहा है कि यूरोपीय देशों द्वारा उसके राजनयिकों के निष्कासन पर मास्को भी जवाबी कदम उठाएगा तथा इससे अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिल होंगे। जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने सोमवार को रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन' के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘‘हम इसे नकारात्मक रूप से देखते हैं। हमें अफसोस है कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में राजनयिक संवाद के माध्यम को सीमित किया जा रहा है।'' उन्होंने कहा कि ‘‘यह अदूरदर्शी और ऐसा कदम है जो सबसे पहले हमारे संवाद को जटिल बनाएगा, जो सुलह की तलाश के लिए आवश्यक है। दूसरी बात...इसके बदले में जवाबी कदम उठाए जा सकते हैं।''  

Tanuja

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