मार्च के बाद विवादित फैसले ले सकते हैं उद्धव, सरकार पर पैदा होगा संकट

Friday, Nov 29, 2019 - 03:00 PM (IST)

जालंधर, 28 नवम्बर (नरेश) : वीरवार को शाम 6.40 पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे को सत्ता गुरु और शनि के कारण मिली है लेकिन वह पूरे 5 साल तक महाराष्ट्र में सरकार नहीं चला पाएंगे क्योंकि उनकी जन्म कुंडली में सितारों की स्थिति इसके अनुकूल नहीं है। इंटरनैट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 17 जुलाई, 1960 को सुबह 10.40 बजे मुम्बई में पैदा हुए उद्धव की कुंडली कन्या लगन की है और चौथे भाव में बृहस्पति अपनी राशि धनु में शनि के साथ विराजमान हैं। 


गुरु उद्धव की कुंडली में चौथे भाव का मालिक है जबकि शनि पांचवे भाव का मालिक है। चौथे और पांचवें भाव के मालिक का केंद्र में आकर बैठ जाना केंद्र त्रिकोण राजयोग बना रहा है जिस समय उद्धव ठाकरे को अचानक अप्रत्याशित रूप से मुख्यमंत्री पद मिला है उस समय उनकी कुंडली में गुरु की ही महादशा चल रही है और गुरु में केतु की अंतदर्शा है और यह 29 जून,2020 तक चलेगी। 


उद्धव ठाकरे ने गुरुवार शाम को जिस समय शपथ ली उस समय चंद्रमा भी केतु के मूला नक्षत्र में ही विराजमान है जबकि उनकी कुंडली में गुरु भी मूला नक्षत्र में ही है। इस लिहाज से उद्धव को गद्दी दिलाने में गुरु के साथ-साथ केतु की भी भूूमिका बन रही है।उद्धव की कुंडली में लगन के मालिक बुध और गुरु के साथ-साथ शनि भी वक्र स्थिति में है जबकि शुक्र अस्थ स्थिति में है। 


उद्धव के गद्दी संभालने के 2 महीने के भीतर ही 24 जनवरी को शनि का राशि परिवर्तन हो जाएगा और शनि उद्धव की लगन कुंडली से पांचवें भाव में गोचर करेंगे। पांचवें भाव में शनि का गोचर शुभ नहीं माना जाता। 30 मार्च को गुरु भी राशि परिवर्तन करके 3 महीने के लिए मकर राशि में पांचवें भाव में आ जाएंगे। पांचवें भाव में नीच राशि में बैठा गुरु उद्धव से कुछ विवादित फैसले करवा सकता है जिस कारण सरकार पर संकट की स्थिति आ सकती है। जब तक कुंडली में गुरु के मध्य अंर्तदशा है उस समय तक सरकार में आपसी खींचतान चलते रहने की संभावना है। इसके बाद गुरु में शुक्र की महादशा शुरू होगी और शुक्र इस कुंडली में दूसरे के साथ-साथ नौवें भाग का मालिक भी है लेकिन शुक्र के अस्थ स्थिति में होने के कारण इस दौर में सरकार पर संकट आ सकता है। 

shukdev

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