UAPA बिल राज्यसभा में पास, संदिग्ध गतिविधियों में शामिल व्यक्ति घोषित होगा आतंकी

Friday, Aug 02, 2019 - 02:33 PM (IST)

नई दिल्लीः किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान वाले गैर कानूनी गतिविधि निरोधक (संशोधन) विधेयक, 2019 पर शुक्रवार को संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा ने इसे मत विभाजन के जरिए पारित कर दिया जबकि लोकसभा ने इसे 24 जुलाई को मंजूरी दे दी थी। राज्यसभा ने विधेयक को आज 42 के मुकाबले 147 मतों से पारित किया। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को व्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला बताते हुए इसे विस्तृत समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की लेकिन सदन ने इस आशय के प्रस्ताव को 85 के मुकाबले 104 मतों से ख़ारिज कर दिया। विधेयक में व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान के दुरूपयोग होने की आशंका को निर्मूल ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए ऐसा करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कानून में यदि इस तरह का प्रावधान 2009 में रहा होता तो कोलकाता पुलिस द्वारा पकड़ा गया कुख्यात आतंकवाद यासीन भटकल कभी नहीं छूट पाता और आज एनआईए की गिरफ्त में होता। शाह ने कहा कि हमें इस बात को समझना होगा कि व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि ये बड़े जटिल तरह के मामले होते हैं जिनमें साक्ष्य मिलने की संभावना कम होती है। ऐसे मामले अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय किस्म के होते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि संस्था व्यक्ति से बनती है।

शाह ने बताया किसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है
1- जब कोई आतंकी गतिविधियों में भाग लेता है।
2- आतंकवाद के लिए तैयारी करने में मदद करता है।
3- आतंकवाद को बढ़ाने की कार्ययोजना बनाता है
4- घोषित आतंकवादी संस्थाओं में मिला हुआ है।

सदन में ये बोले शाह

  • शाह ने कहा कि उनका भी यही तर्क है कि संस्था व्यक्ति से बनती है, संगठन के संविधान से नहीं। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के मामले में प्राय: यह देखने में आया है कि एक संगठन पर प्रतिबंध लगाने पर व्यक्ति दूसरा संगठन खोल लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद संगठन नहीं, व्यक्ति करता है।
  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने शाह से स्पष्टीकरण पूछते हुए कहा कि इस विधेयक में किसी व्यक्ति को किस स्थिति में आतंकवादी घोषित किया जाएगा, इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि विधेयक में कुछ अस्पष्टता अवश्य है लेकिन यह स्थिति की जटिलता के कारण है।
  • मान लीजिए कि हम यह कहें कि पूछताछ के बाद किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करेंगे तो इस शर्त पर हम हाफिज सईद या दाऊद इब्राहिम को कैसे आतंकवादी घोषित कर पाएंगे, क्योंकि उससे पूछताछ करना अभी संभव नहीं है। उ
  • व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के बाद भी कई स्तर पर समीक्षा होगी।  चार स्तर पर इसकी समीक्षा होगी। इसलिए इसे लेकर शंका नहीं की जानी चाहिए।
  • वर्तमान सत्र में यह तीसरा मौका है जब राज्यसभा में सरकार ने समुचित संख्या बल नहीं होने के बावजूद विवादास्पद विधेयक को पारित कराया है। इससे पहले आरटीआई कानून में संशोधन और तीन तलाक संबंधित विधेयकों को राज्यसभा में मतदान के दौरान सरकार को सफलता मिली थी। इस विधेयक में एनआईए द्वारा किसी मामले की जांच किए जाने पर एजेंसी के महानिदेशक को संपत्ति की कुर्की के लिए मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है।
  • इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को प्रस्तावित चौथी अनुसूची से किसी आतंकवादी विशेष का नाम जोड़ने या हटाने के लिये और उससे संबंधित अन्य परिणामिक संशोधनों के लिये सशक्त बनाने हेतु अधिनियम की धारा 35 का संशोधन करना है ।
  • एनआईए के निरीक्षक के दर्जे के किसी अधिकारी को अध्याय 4 और अध्याय 6 के अधीन अपराधों का अन्वेषण करने के लिए सशक्त बनाया गया है।

Seema Sharma

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