1984 सिख विरोधी दंगे: अब दो सदस्यीय SIT करेगी मामले की जांच

Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:57 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने पहले के आदेश में बदलाव करते हुये 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की आगे जांच की निगरानी के लिये गठित विशेष जांच दल के सदस्यों की संख्या दो कर दी। न्यायालय ने पहले तीन सदस्यीय दल गठित किया था परंतु इसके एक सदस्य ने इसका हिस्सा बनने से इंकार कर दिया। 


न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह आदेश पारित किया। इससे पहले, केन्द्र ने पीठ को सूचित किया कि विशेष जांच दल के सदस्य सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह ने निजी कारणों से इस दल का सदस्य होने से इंकार कर दिया है। इस जांच दल के अन्य सदस्यों में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा और सेवारत आईपीएस अधिकारी अभिषेक दुलार हैं। शीर्ष अदालत ने इस साल 11 जनवरी को न्यायमूर्ति ढींगरा की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित किया था जिसे उन 186 मामलों की आगे जांच की निगरानी करनी थी जिन्हें बंद करने के लिये पहले रिपोर्ट दाखिल की गयी थी।   
 

इस मामले में मंगलवार को संक्षिप्त सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि दो सदस्यीय विशेष जांच दल रहने दिया जाये और उन्हें आगे बढऩे देना चाहिए। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पक्षकरों के वकील की इस बात के लिये सहमति है कि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह द्वारा निजी कारणों से समिति का सदस्य बनने से इंकार करने के तथ्य के मद्देनजर 11 जनवरी के आदेश में सुधार किया जा सकता है।


पीठ ने कहा कि पक्षकारों में सहमति है कि समिति में अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस एन ढींगरा और सेवारत आईपीएस अधिकारी अभिषेक दुलार को रहना चाहिए। तदनुसार 11 जनवरी के आदेश में सुधार किया जाता है। तत्कालीन प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना के बाद राजधानी में बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुये थे जिसमें अकेले दिल्ली में 2733 लोग मारे गये थे।

vasudha

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