आज भी बेटे के शव का इंतजार कर रहे उड़ीसा के दो परिवार, साढ़े सात साल पहले एक विमान हादसे में गई थी जान
punjabkesari.in Saturday, Jan 13, 2024 - 10:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चरण मोहराना और पूर्ण चंद्र सेनापति के परिवार उनके लापता होने के साढ़े सात साल साल बाद भी उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। ये लोग 2016 में बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हुए भारतीय वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान में सवार 29 लोगों में शामिल थे। इतने वर्षों तक दोनों परिवारों ने इस उम्मीद से अंतिम संस्कार नहीं किया कि एक दिन पार्थिव शरीर मिलेंगे। दोनों परिवारों का मानना है कि अंत्येष्टि के लिए पार्थिव देह की जरूरत होती है।
भारतीय वायुसेना का संबंधित विमान 22 जुलाई 2016 को लापता हो गया था। इसका मलबा हाल ही में चेन्नई अपतटीय क्षेत्र में बंगाल की खाड़ी में लगभग 3,400 मीटर की गहराई पर पाए जाने के बाद दोनों परिवारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। चरण मोहराना (27) ओडिशा के गंजम जिले के सुकुंडा गांव के रहने वाले थे और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसेना आयुध डिपो में फिटर के रूप में काम करते थे। वहीं, ओडिशा के जाजपुर जिले के रंगारंगा गांव के पूर्ण चंद्र सेनापति उसी डिपो में तकनीशियन के रूप में काम करते थे।
विमान के लापता होने के कुछ दिन बाद विशाखापत्तनम स्थित नौसेना आयुध डिपो के दो अधिकारियों ने मोहराना और सेनापति दोनों के माता-पिता को उनके लापता होने की आधिकारिक सूचना दी थी। चरण मोहराना की बहन सस्मिता मोहराना ने कहा, "हमने उनका अंतिम संस्कार नहीं किया क्योंकि उनका शव नहीं मिला।" उनके कैंसर से पीड़ित 75 वर्षीय पिता सुदाम मोहराना ने कहा, ‘‘चूंकि लापता विमान का मलबा चेन्नई अपतटीय क्षेत्र में मिला है, हमें उम्मीद है कि मेरे बेटे का शव भी समुद्र तल के पास मिलेगा।'' मोहराना की 65 वर्षीय मां ने कहा, "भले ही सरकार ने उसकी मृत्यु की घोषणा की और मुआवजा दिया, लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसका शव नहीं मिला।"
ओडिशा के जाजपुर जिले के रंगारंगा गांव के पूर्ण चंद्र सेनापति के छोटे भाई प्रताप चंद्र ने कहा, "हमने हिंदू मान्यताओं के अनुसार 11वें दिन की रस्म नहीं निभाई हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि वह जीवित हैं।" उन्होंने कहा, "हालांकि सरकार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है, लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करते। हमें उम्मीद है कि वह एक दिन वापस आएंगे।" लापता विमान का मलबा हाल में चेन्नई तट से लगभग 310 किमी दूर समुद्र तल में पाया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान ने मलबे का पता लगाया है। भारतीय वायुसेना का के-2743 पंजीकरण संख्या वाला विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक के एक अभियान मिशन के दौरान लापता हो गया था और गहन तलाशी अभियान के बावजूद इसका तथा इसमें सवार कर्मियों का पता नहीं लग पाया था।