व्यापम घोटाले में पहला फैसला, दो छात्रों को तीन-तीन साल की सजा

Saturday, Dec 26, 2015 - 06:09 PM (IST)

इंदौर: बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले में आज मध्यप्रदेश के इंदौर के जिला सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश डी के मित्तल ने प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी करने के प्रकरण में दो आरोपियों को विभिन्न धाराओं में कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। इस फैसले को व्यापमं परीक्षा गड़बड़ी मामलों में अदालत का पहला फैसला बताया जा रहा हैं। प्रकरण वर्ष 2013 में व्यापमं द्वारा आयोजित पशु चिकित्सक प्रवेश परीक्षा के दौरान सामने आया था। 

इंदौर स्थित परीक्षा केंद्र शासकीय नूतन विद्यालय में परीक्षार्थी प्रकाश बारिया निवासी पेटलावद जिला झाबुआ की जगह अक्षत सिंह निवासी भीलवाड़ा राजस्थान परीक्षा देते पकड़ाया था। परीक्षा केंद्र में तैनात परीक्षकों ने प्रकाश के प्रवेश पत्र पर चस्पा फोटो से अक्षत की शक्ल का मिलान न होने पर संबंधित एम जी रोड पुलिस थाना को सूचना दी थी। पुलिस पूछताछ में अक्षत ने कबूल किया था कि वह प्रकाश की जगह परीक्षा देने आया है। इसके बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर प्रकाश को भी गिरफ्तार किया था। 

न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों ने प्रकरण की पुष्टि करते हुए गवाही दी। इस पर आज न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी प्रकाश और अक्षत को भारतीय दंड सहिता की धारा 420 के तहत तीन वर्ष, धारा 465 के तहत एक वर्ष, परीक्षा अधिनियम के तहत दो वर्ष के कारावास और पांच सौ रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया है। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रभुलाल मालवीय ने पैरवी की। व्यापमं के माध्यम से प्रवेश परीक्षाओं और सरकारी नौकरियों में भर्ती में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थीं। 

यह घोटाला सामने आने के बाद इसकी जांच एसटीएफ कर रहा था। इस घोटाले में दो हजार से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। इस वर्ष यह मामला एक बार फिर तेजी से उठने पर उच्चतम न्यायालय ने इस संपूर्ण मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए। इसके बाद सीबीआई ने एसटीएफ से पूरे मामले ले लिए और अब वह इसकी जांच कर रही है।  

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