खुलासा: भारत की छवी बिगाड़ना चाहती है ग्रेटा! कनाडा के खालिस्तान समर्थक संगठन ने तैयार की टूलकिट

Friday, Feb 05, 2021 - 11:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में भारत विरोधी ताकतें अपने मंसूबों को अंजाम देने में लगी हुई है। इसका ताजा उदाहरण पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग मामले में सामने आया है। खबर है कि ग्रेटा थनबर्ग द्वारा सांझा किए गए टूलकिट को कनाडा स्थित एक ख़ालिस्तानी-समर्थक संस्था ने बनाया है। इतना ही नहीं इनके निशाने में भारत की योगा और चाय भी थी।

भारत की 'योग और चाय' वाली छवि थी निशाने पर
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत के हितों को नुक़सान पहुंचाने के मकसद से बनाए गए दस्तावेज को पीस फॉर जस्टिस नाम की संस्था ने तैयार किया है। इस संस्था के सह-संस्थापक मो धालिवाल ख़ुद को ख़ालिस्तान समर्थक बताते हैं और कनाडा के वैंकूवर में रहते हैं। खबरों की मानें तो टूलकिट में  भारत की योग और चाय वाली छवि को बदनाम करने की भी योजना बनाई गई थी। 


ग्रेटा के ट्वीट से मचा था बवाल
 इतना ही नहीं टूलकिट में 26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों द्वारा वैश्विक प्रदर्शन और कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई थी। टूलकिट में कुछ हेडिंग इस तरह थी - "भारत की 'योगा और चाय' की छवि को तोड़ना", "26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों में संगठित वैश्विक हंगामा", "कृषि कानूनों को निरस्त करना"। दरअसल थनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था कि हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं। उन्होंने इसके साथ ही सीएनएन की एक खबर टैग की जिसका शीर्षक था ‘ प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प के बीच भारत ने नयी दिल्ली के आसपास इंटरनेट सेवा बंद की।' थनबर्ग ने कहा कि जिन लोगों को मदद चाहिए उनके लिए टूलकिट (सॉफ्टवेयर) साझा किया है।'' यह टूलकिट उपयोगकर्ता को प्रदर्शन के समर्थन के तरीकों की विस्तृत जानकारी वाले दस्तावेज तक पहुंच उपलब्ध कराते हैं।


एफआईआर के बाद भी  ग्रेटा के ट्वीट जारी 
बाद में ग्रेटा ने इस पोस्ट को हटा दिया था लेकिन इससे पहले ही भारत में कई लोगों ने उनके पोस्ट के स्क्रीनशॉट ले लिए जो जल्द ही वायरल हो गए। इसी आरोप में दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। हालांकि इसके बावजूद भी ग्रेटा ने एक बार फिर किसानों के समर्थन में ट्वीट कर लिखा कि  मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ हूं. कोई भी नफरत, धमकी इसे बदल नहीं सकती।

vasudha

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