भारत ने अमेरिका को टैरिफ कटौती का दिया बड़ा प्रस्ताव, कृषि उत्पादों पर सख्ती रखी बरकरार

punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 05:49 PM (IST)

International Desk: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर हलचल तेज़ हो गई है।  फाइनेंशियल टाइम्स  की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत कई उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) में बड़ी कटौती की पेशकश की है। हालांकि भारत चाहता है कि कुछ खास कृषि उत्पादों जैसे  अनाज और डेयरी पर ऊंचा आयात शुल्क बरकरार रखा जाए।

 

 क्या है भारत का प्रस्ताव?
भारत की कोशिश है कि 9 जुलाई से पहले अमेरिका के साथ एक मजबूत व्यापार समझौता हो जाए, ताकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित भारी टैरिफ से बचा जा सके। भारत की ओर से एक अधिकारी ने बताया “हम अमेरिका को कई सेक्टरों में गहरी टैरिफ कटौती का प्रस्ताव दे रहे हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब दोनों पक्षों को बराबर फायदा हो।” भारत उन क्षेत्रों में लचीलापन दिखा रहा है जो औद्योगिक या मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों से जुड़े हैं, लेकिन  खाद्य अनाज, दूध और डेयरी जैसे संवेदनशील कृषि उत्पादों को लेकर भारत अब भी सख्त है।

 

ट्रंप का रुख
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि यदि यूरोप और भारत ने व्यापार में रियायतें नहीं दीं तो वह  50% टैरिफ  लागू करेंगे। हालांकि उन्होंने फिलहाल इसकी डेडलाइन  1 जून से बढ़ाकर 9 जुलाई कर दी है। सोशल मीडिया पर ट्रंप ने लिखा: "मुझे उम्मीद है कि यूरोपीय देश और भारत, अमेरिका के साथ निष्पक्ष व्यापार के लिए अपने दरवाजे खोलेंगे। अगर ऐसा हुआ तो सभी को फायदा होगा।”
 

यूरोपीय संघ भी बातचीत में सक्रिय
यूरोपीय यूनियन  (EU)  भी ट्रंप के भारी टैरिफ से बचने के लिए तेजी से व्यापार वार्ता कर रहा है। EU के व्यापार प्रमुख  मारोस सेफकोविच** इस वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं। उनकी टीम का ध्यान सेमीकंडक्टर, ऑटोमोबाइल्स, दवाइयां (फार्मास्यूटिकल्स),  एल्युमिनियम,  नागरिक विमान  क्षेत्रों पर है । EU का लक्ष्य है कि व्यापारिक नियम सरल किए जाएं और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम किया जाए।
 

 एप्पल और अन्य कंपनियों पर टैरिफ की चेतावनी
ट्रंप ने हाल में चेतावनी दी कि अगर  Apple ने अमेरिका में iPhone का निर्माण शुरू नहीं किया, तो उस पर  25% टैरिफ लगाया जाएगा। यह चेतावनी Samsung  जैसी अन्य कंपनियों पर भी लागू हो सकती है। इसलिए भारत और अमेरिका के बीच यह वार्ता काफी अहम है। भारत ने जहां समझदारी के साथ प्रस्ताव रखा है, वहीं अमेरिका अभी भी टैरिफ दबाव की रणनीति अपना रहा है। अगर 9 जुलाई से पहले समझौता नहीं हुआ, तो दोनों देशों के बीच व्यापार में बड़ी बाधाएं आ सकती हैं।


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Content Writer

Tanuja

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