भारत-रूस के विस्फोटक सौदे से भड़के अमेरिका व नाटो, नई धमकी दी तो मिला करारा जवाब-"ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे..."

punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 08:59 PM (IST)

International Desk: भारत और रूस के बीच मजबूत रिश्तों से अमेरिका और NATO देश परेशान हैं। यूक्रेन युद्ध में उलझे पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत रूस से दूरी बनाए, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी नीति राष्ट्रीय हित के मुताबिक ही चलेगी। हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि एक भारतीय कंपनी ने दिसंबर में रूस को करीब 14 लाख डॉलर का HMX या Octogen विस्फोटक कंपाउंड भेजा, जिसका इस्तेमाल सैन्य कामों में हो सकता है। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी का कहना है कि यह सामान रूस की Promsintez  कंपनी को दिया गया, जिस पर यूक्रेनी सेना पहले ड्रोन हमला भी कर चुकी है।

 

इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज से कहा-“भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है लेकिन हमने साफ कर दिया है कि कोई भी विदेशी कंपनी या बैंक अगर रूसी रक्षा उद्योग के साथ कारोबार करेगा तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं।”इतना ही नहीं, अमेरिका में ट्रंप के करीबी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बिल पेश किया है जिसमें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाने  की धमकी दी गई है। ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर पुतिन ने सितंबर तक यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं किया तो रूस से तेल लेने वाले देशों को इसकी कीमत चुकानी होगी। इसका सीधा असर भारत और चीन पर पड़ सकता है।

 

नाटो और अमेरिका की इस धमकी पर भारत ने साफ कह दिया है कि रूस से दोस्ती खत्म नहीं होगी। लंदन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने कहा-“कोई भी देश भारत की अर्थव्यवस्था को स्विच ऑफ नहीं कर सकता। जो देश हम पर उंगली उठा रहे हैं, वही रूस से Rare Earth और दूसरी चीजें खरीद रहे हैं।” भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीदने वाला देश है और सोवियत काल से रूस से हथियार लेता आ रहा है। इस साल रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे की भी तैयारी है, जहां कई अहम समझौते होने की उम्मीद है।

 

यूक्रेन युद्ध के बाद से ही अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते हैं कि रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग किया जाए। लेकिन भारत ने बार-बार कहा कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों और रक्षा हितों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को भी साफ संदेश दिया कि यह युद्ध का समय नहीं है लेकिन रूस से दोस्ती भी खत्म नहीं होगी। भारत ने न तो रूस से हथियारों का रिश्ता तोड़ा, न तेल लेना छोड़ा और अब विस्फोटक सौदे के आरोप से भी पीछे नहीं हट रहा। पश्चिमी देशों की धमकी और दबाव के बावजूद भारत ने फिर जता दिया ‘हमारी नीति हमारे हित तय करेंगे, किसी और के दबाव से नहीं!’ 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News