पटाखों पर बैन से बौखलाए त्रिपुरा के गवर्नर- अवॉर्ड वापसी गैंग चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे
Wednesday, Oct 11, 2017 - 02:24 PM (IST)
नई दिल्लीः इस दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध लगाने के बाद से सोशल मीडिया पर पक्ष विपक्ष में प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को मशहूर लेखक चेतन भगत के ट्वीट के बाद त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को उन्होंने अपने ट्वीट पर लिखा- ‘कभी दही हांडी, आज पटाखा ,कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे!’
कभी दही हांडी,आज पटाखा ,कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे !
— Tathagata Roy (@tathagata2) October 10, 2017
इंडिया टुडे से बातचीत में राज्यपाल ने साफ किया कि वो एक हिन्दू होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नाखुश हैं, क्योंकि ये समुदाय को उसके उत्सव से जुड़े एक अहम पहलू से वंचित करता है। बता दें, इससे पहले बीजेपी नेता से राज्यपाल बने तथागत रॉय ने हाल में सोशल मीडिया पर रोहिंग्या के लिए ‘कचरा’ कहने वाला विवादित बयान दिया था।
Since morning I am being trolled by Islamists and stooges for having said we shouldn't accept Rohingiya garbage. Proves I'm on right track
— Tathagata Roy (@tathagata2) September 10, 2017
वहीं, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लेखक चेतन भगत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। उन्होंने सवाल भी किया कि किस आधार पर किसी की परंपराओं पर बैन लगाया जा रहा है? इसके चेतन भगत ने एक ट्वीट में लिखा, 'बिना पटाखों के बच्चों के लिए दिवाली का क्या मतलब है?' लेखक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बैन परंपराओं पर चोट है।
SC bans fireworks on Diwali? A full ban? What’s Diwali for children without crackers?
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
उन्होंने प्रदूषण विभाग को सुझाव देते हुए कहा था कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत सुधारना भी प्रदूषण पर लगाम लगाने का एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। उन्होंने दिल्ली-एनसीआर की खराब आबो-हवा सुधारने के लिए चेतन ने एक हफ्ते के लिए बिजली और कारों का इस्तेमाल नहीं करने का भी सुझाव दिया था।
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
इसके अलावा भगत ने यह भी कहा था कि केवल हिंदुओं के त्योहार पर बैन क्यों लगाने की हिम्मत क्यों दिखाई जाती है? जो लोग दिवाली जैसे त्योहारों में सुधार लाना चाहते हैं, मैं उनमें यही शिद्दत खून-खराबे से भरे त्योहारों को सुधारने के लिए भी देखना चाहता हूं।'
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017