जनता दरबार में लोगों के लिए नहीं था लंच का इंतजाम, CM बिप्लब ने भी नहीं खाया खाना
Thursday, Oct 04, 2018 - 02:02 PM (IST)
अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार वे किसी ज्ञान को लेकर नहीं बल्कि जनता के प्रति अपनी नरमदिली के कारण चर्चा में हैं। बिप्लब ने ढलाई जिले के अम्बस्सा मुख्यालय में जनता दरबार के दौरान बुुधवार को पूरे दिन के लिए उपवास किया क्योंकि अधिकारियों ने दोपहर के भोजन की व्यवस्था सिर्फ उन्हीं के लिए की थी और आम लोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था। बिप्लब सीएम बनने के बाद से ही जनता दरबार लगा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को भी उन्होंने अम्बस्सा में चंद्राइपाड़ा एचएस स्कूल में जनता दरबार का आयोजन किया।
इस दौरान उन्होंने सुबह से लेकर रात तक 205 लोगों की शिकायतें सुनीं और उनको हर मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने दिव्यांगों को व्हीलचेयर्स भी बांटीं। वहीं जिलाधिकारी ने जब सीएम और उनके सहयोगी सदस्यों को लंच करने के लिए बुलाया तो सीएम ने पूछा कि जो जनता उनसे मिलने आई है उनके खाने की व्यवस्था की गई है, जब इसका उत्तर नहीं में मिला तो उन्होंने खुद भी खाना खाने से मना कर दिया। देव ने कहा कि मैंने जनता दरबार की योजना के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि सबके लिए एक समान मेन्यू की व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन आप चूक गए। खैर, मेरे साथ आए जो लोग भोजन करना चाहते हैं वे बिना किसी हिचक के कर सकते हैं लेकिन मैं भोजन नहीं करुंगा।
Our Government is committed to delivering #Sushasan to 37 lakh citizens of #Tripura.
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) October 3, 2018
In the Janata Darbar programme organised in #Dhalai district today, heard the grievances of citizens & directed the officials to ensure their timely & effective redressal. #TransformingTripura pic.twitter.com/jBiruUpofw
देब ने कहा कि पिछले कई वर्षों से समस्याओं का सामना कर रहे 200 से अधिक लोग दूर-दराज के गांव से यहां आए थे और उनमें से अधिकतर लोग बिना कुछ खाए सुबह से निकले हुए थे। मैं नाश्ता करने के बाद आराम से यहां आया और मैं पक्के तौर पर यह भी कह सकता हूं कि मेरा एक भी सहयोगी उनकी तरह खाली पेट नही आया होगा। अगर मैंने इन भूखे लोगों को प्रतीक्षा कराकर दोपहर का भोजन किया तो यह बहुत ही अमानवीय होगा और प्रशासन को इसका एहसास होना चाहिए। सब कुछ क्रम से नहींं लिखा होता है लेकिन इतनी थोड़ी समझ तो हर व्यक्ति के लिए होनी चाहिए।