ना दवा, ना टेस्ट..., दिल्ली के अस्पतालों में नहीं हो रहा इलाज, मरीज बाहर से दवाईयां खरीदने को मजबूर
punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 05:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क : दिल्ली के खिचड़ीपुर इलाके में स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में इन दिनों मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह वही अस्पताल है जिसे नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) का सर्टिफिकेट मिला हुआ है, लेकिन हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। यहां आम बुखार, जुकाम, शुगर और कैल्शियम जैसी जरूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।
महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में सिर्फ सस्ती दवाएं (10 से 30 रुपये वाली) ही मिल रही हैं। जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये या उससे ज्यादा है, वे अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। मजबूरी में लोगों को बाहर के मेडिकल स्टोर से ये महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।
ना दवा, ना टेस्ट – इलाज अधूरा रह जा रहा है
- सुरेश, जो शुरुआत में बात करने से हिचक रहे थे, उन्होंने बताया कि न खून की जांच हो रही है, न एक्स-रे समय पर। उन्हें एक्स-रे के लिए तीन दिन बाद की तारीख दी गई, और दवाएं भी पूरी नहीं मिलतीं।
- नितिन ने बताया कि उन्हें अपने घाव की दवा बाहर से लेनी पड़ी।
- विशाल ने कहा, “300 रुपये की दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ीं।”
- अमितेश ने बताया, “सिर दर्द की दवा तक नहीं मिलती।”
- मुकेश, जो 50 साल के हैं, तीन दिनों से पेट की जांच के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें हर दिन कहा जाता है कि सुबह 8 बजे आओ, लेकिन दोपहर 12 बजे जांच बंद हो जाती है।
हालत बहुत खराब, कागजों में ही सब कुछ ठीक
ये हालात देश की राजधानी दिल्ली के हैं, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ कागजों पर अच्छी दिख रही हैं। जब हमारे रिपोर्टर ने खुद अस्पताल जाकर हालात देखे, तो असलियत सामने आ गई। मरीज परेशान हैं, इलाज अधूरा है, और दवाओं की भारी कमी है।