आइसक्रीम खाने की इच्छा ने छीन ली दो बहनों की जिंदगी, बच्चों की जिद के आगे मजबूर था एक पिता

Wednesday, Oct 14, 2020 - 10:56 AM (IST)

 वेस्ट दिल्ली(नवोदय टाइम्स): मॉडल टाउन में बीती रात सड़क हादसे में एक बेलगाम कार ने 3 भाई बहनों समेत 4 लोगों को कुचल दिया। वारदात के बाद चालक कार फरार हो गया। उपचार के दौरान 2 सगी बहनों की मौत हो गई, जबकि उनका भाई और एक परिचित जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ाई लड़ रहे हैं। डॉक्टरों ने दोनों की हालत गंभीर बताई है। पुलिस ने दोनों बहनों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए हैं। पुलिस हादसे वाले रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर फरार चालक की तलाश कर रही है। 

मृत बहनों की पहचान इश्किाऔर भूमि के रूप में हुई
मरने वाले और घायल सभी संत नगर, बुराड़ी के रहने वाले हैं। मृत बहनों की पहचान इश्किा (8) और भूमि (4) के रूप में हुई, जबकि उनके घायल भाई की पहचान गौरव (5) और पड़ोसी मिलाप सिंह (60)के रूप में हुई है। सोमवार रात करीब 10 बजे बच्चों का पिता जसपाल अपनी पत्नी श्वेता और दादा-दादी और मिलाप के साथ गुरुद्वारे की तरफ गए थे। जसपाल को अपनी पेट की दवा लानी थी। बच्चों ने भी घूमने की जिद की तो जसपाल ने सभी को कार में बैठा लिया। वह गुरुद्वारे के ठीक सामने सीएनजी पंप से कार में सीएनजी भरवा रहे थे। तीनों बच्चों ने आईस्क्रीम वाले को देख आईस्क्रीम खाने की जिद की थी। मिलाप उनको लेकर जब सड़क पार कर रहा था, तभी काफी तेज गति से नीले रंग की एक कार आई और चारों को टक्कर मारती हुई निकल गई। जिसके तुरंत बाद परिवार वाले और गुरुद्वारे वालों ने चारों को अस्पताल में भर्ती कराया। 

जिला पुलिस उपायुक्त विजयंता आर्या ने बताया कि सोमवार रात 11 बजकर 59 मिनट पर प्रताप बाग, गुरुद्वारा नानकपुरा प्याऊ के मेन गेट के सामने 4 लोगों को कार से कुचलने की जानकारी मिली। पुलिस मौके पर पहुंची। सड़क पर काफी दूर तक खून पड़ा था। अज्ञात कार की काले रंग की हरियाणा नंबर की प्लेट भी पड़ी थी। लोगों ने बताया कि 3 बच्चों समेत 4 को नजदीक के पेंटमड अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने दोनों बहनों को मृत घोषित कर दिया, जबकि बाकी दोनों घायलों को एम्स में शिफ्ट कर दिया गया, जिनके बयान लेने की कोशिश की जा रही है। 

आइसक्रीम खाने की इच्छा अधूरी ही रही...
दोनों बच्चियोंं के माता-पिता और दादा-दादी का रो-रोकर बुरा हाल है। रोते-रोते कहते हैं, उनके परिवार की खुशियां देखते ही देखते खत्म हो गईं। अब उनके घर में जिद करने वाला एक ही बच्चा रह गया है। दोनों बच्चे आइसक्रीम खाने की जिद कर रहे थे, आइसक्रीम खा भी नहीं पाए और दुनिया से कूच कर गए...काश! उनकी वह आखिरी जिद तो पूरी हो ही जाती...। अब भगवान से प्रार्थना है कि एक बच्चा बुरी तरह घायल है, उसको भगवान पूरी तरह से ठीक कर दे। नहीं तो हमारी जिंदगी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। जब जसपाल सीएनजी भरवा रहे थे, तो आईस्क्रीम दिलवाने से उन्होंने पहले मना किया था, लेकिन उनके दोस्त मिलाप ने कहा कि बच्चे हैं, मैं खिलाकर लाता हूं। मिलाप को भी नहीं पता था कि जिनको वो उंगली पकड़कर ध्यान से सड़क पार करवाने की कोशिश कर रहा है। वो उंगली अब हमेशा हमेशा के लिए छूटने वाली है।

 पहली सड़क उसने ध्यान से तीनों बच्चों को पार करवा दी थी। जब वह दूसरी सड़क पार करवा रहा था। तभी नीले रंग की कार ने सभी को अपनी चपेट ले लिया। दोनों बच्चों के मौत की खबर के बाद से ही मिलाप की हालत ज्यादा खराब है। वो खुद को दोषी मानते हुए कहता है कि काश, बच्चों को सड़क पार नहीं करवाता, तो वे आज जीवित होते। मंगोलपुरी इलाके में रहने वाले बच्चों के फूफा रवि ने बताया कि सितम्बर में कुछ दिन आगे पीछे इश्किा और भूमि का जन्म दिन होता था। कोरोना की वजह से दोनों का जन्म दिन एक साथ ही मनाने की सोची थी। 23 सितम्बर को वह अपने परिवार के साथ बुराड़ी बच्चों के घर गया था।

बच्चों की जिद के आगे मजबूर था: पिता
उसके पिता जसपाल का कहना है कि तीनों बच्चों इश्किा, भूमि और उनके छोटे भाई गौरव की जिद के आगे मजबूर था। कोरोना की वजह से वैसे ही बच्चों को वह बाहर नहीं निकाल रहे थे। जब सोमवार को जिद की तो उसने भी कहा कि चलो बच्चों और परिवार वाले अपनी कार से घूम भी आएंगे और दवाई भी ले आऊंगा, लेकिन पता नहीं था कि जिन बच्चों को वह साथ ले जा रहा है, वह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। मैंने अपने बच्चों को खून से लथपथ और तड़पती हालत में देखा है।

हादसे की चश्मदीद गवाह है मंजू
मॉडल टॉउन झुग्गी बस्ती में रहने वाली मंजू हादसे की चश्मदीद गवाह है। उसने बताया कि वह सड़क किनारे ही खड़ी थी। तभी नीले रंग की कार आई, जिसमें सिर्फ चालक ही था। उसकी दाढ़ी भी थी। चारों को उसने टक्कर मारी थी। दोनों बच्चियां काफी ऊपर तक उछलकर सड़क पर गिरीं थी। गुरुद्वारे में आए श्रद्धालुओं ने मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को सड़क किनारे किया और सड़क पार से उनके परिवार वालों ने मौके पर पहुंचकर अपनी कार से और एक सरदार जी ने अपनी कार से घायलों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया। बच्चों के बाकी परिवार वालों को गुरुद्वारे के लोगों ने वहीं पर बैठाकर उनको सब ठीक होने का भरोसा दिलवाया था। कुछ लोगों ने शोर मचाकर कार का पीछा करने की कोशिश भी की थी। 

Anil dev

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