भारत को अंतरराष्ट्रीय पंचाट का प्रमुख केन्द्र बनाने की दिशा में पहल हो: प्रणव

Friday, Oct 21, 2016 - 08:22 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय पंचाट का प्रमुख केन्द्र बनाने की दिशा में पहल करने करने की अपील करते हुए आज कहा कि किफायती और विश्वसनीय पंचाट बनाये जाने पर काम किया जाना चाहिए और इसके लिए संस्थागत स्तर पर सुधार की जरूरत है। 

राष्ट्रपति ने नीति आयोग की पहल पर विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा कई विदेशी और घरेलू संगठनों के सहयोग भारत में पंचाट एवं प्रवर्तन को सशक्त बनाने की दिशा में तीन दिवसीय ग्लोबल सम्मेलन का यहां शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत में मानव श्रम की उपलब्धता से इसको अंतरराष्ट्रीय पंचाट का प्रमुख केन्द्र बनाने में मदद मिलगी। उन्होंने कहा कि अच्छे कानून से अच्छे संस्थान नहीं बन सकते। गुणवत्ता वाले मध्यस्थ संस्थान, न्यायपालिक और सरकार की जरूरत है।   

उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख बड़े शहरो में पंचाट की जरूरत के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर है लेकिन बेसिक संस्थागत सुधार की जरूरत है। निजी कंपनियों के लिए निजी स्तर पर पंचाट की व्यवस्था है लेकिन केन्द्रीयकृत पंचाट की आवश्यकता है जहां किफायती और विश्वसनीयता के साथ काम हो। उन्होंने कहा कि देश में निजी पंचाट को बढावा मिल रहा है लेकिन इसमें विवाद निपटान की लागत अधिक है। यदि केन्द्रीयकृत संस्थागत पंचाट होगा तो लागत में न सिर्फ कमी आयेगी बल्कि उसकी विश्वसनीयता भी होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश हमारे देश में अब तक संस्थागत पंचाट को बढ़ावा नहीं मिला है। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनायें है। 

उन्होंने देश की अदालतों से प्रशासनिक स्तर पर इसकी समीक्षा करने की अपील की कि पंचाट में जाने लायक मामलों को उसी के पास भेजा जाना चाहिए ताकि लागत और समय दोनों बच सके। उन्होंने कहा कि देश में इसके लिए टैलेंट की कमी नहीं है लेकिन उन्हें इसके लिए तैयार करने और उन्हें इसके लिए माहौल देने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के उन पहलों पर चर्चा की जानी चाहिए कि इसके लिए क्या किया जाना है और क्या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में विचार विमर्श से इस दिशा में कानून बनाने में मदद मिलेगी।  

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