दहशतगर्दी की इंतहा करने वाले इन 'टॉप-5 खूंखारों' का इस साल हुआ ये हश्र

Tuesday, Aug 01, 2017 - 09:05 PM (IST)

नई दिल्लीः ये वो लोग थे। जिनकी लाइफ की डिक्शनरी में रहम नाम का कोई शब्द ही नहीं था। कहने को तो वे कश्मीरी थे लेकिन उन्हें न महिलाओं पर रहम आता था और न छोटे-छोटे बच्चों पर। उन्हें आता था केवल दहशत फैलाना। पिछले साल से अब तक इन खूंखारों के लिए इतना बुरा रहा कि हमारे सुरक्षाबलों ने इन टॉप मोस्ट पांच आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया। आइए हम बताते हैं इन टॉप आतंकी कमांडरों के बारे में...


बुरहान वानी
बुरहान वानी को कश्मीर के पढ़े-लिखे युवाओं को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा दिया गया। 
2010 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें डालकर बंदूक उठाने की अपील पर बुरहान कश्मीर के युवाओं के बीच काफी चर्चित हुआ। जून 2016 में अनंतनाग में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद आखिरी वीडियो आया। वीडियो में बुरहान वानी ने सुरक्षा बलों पर और हमले करने की धमकी दी थी।

8 जुलाई 2016 को बुरहान वानी को मुठभेड़ के दौरान उस वक्त मार गिराने में कामयाबी मिली थी, जब सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के बुमडूरा गांव में तीन उच्च-प्रशिक्षित आतंकवादी मौजूद हैं। सुरक्षा बलों को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सरताज की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। बुरहान वानी की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी नहीं थी। शाम सवा छह बजे मुठभेड़ खत्म हुई और जब देखा गया कि मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक बुरहान भी है, तो सुरक्षा बल खुशी से झूम उठे।


सबजार अहमद बट
सबजार 8 जुलाई 2016 को मारे गए हिजबुल कमांडर बुरहान वानी का साथी था। उसे वानी के बाद हिजबुल का कमांडर बनाया गया था। सोशल मीडिया पर बुरहान के साथ सबजार की तस्वीरें सामने आई थीं। बुरहान वानी की 11 आतंकियों के साथ एक फोटो वायरल हुई थी। बताया जाता है कि ये फोटो सोशल मीडिया में सबजार ने ही पोस्ट की थी।  सबजार ने त्राल के गवर्मेंट कॉलेज से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उसके पिता का नाम गुलाम हसन बट था। सबजार के आतंकी बनने के बाद से ही आतंकियों ने अपने मुंह छिपाए बिना सोशल मीडिया में वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करना शुरू किया था।

दक्षिण कश्मीर के त्राल में एक घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान सेना ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबज़ार अहमद बट समेत दो आतंकियों को मार गिराया। सबजार बट को बुरहान वानी के बाद घाटी में कमांडर बनाया गया था। उसे दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों के ख़िलाफ़ आतंकी हमलों को तेज़ करने की जिम्मेदारी मिली थी। 


जुनैद मट्टू 
बुरहान वानी और सबज़ार अहमद बट को मौत की नींद सुलाने के बाद भारतीय सेना को फिर बड़ी कामयाबी मिली। दक्षिण कश्मीर के अरवनी गांव में आर्मी ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर जुनैद मट्टू को इस साल 16 जून को मार गिराया। सेना के इस ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस भी मोर्चा संभाले हुए थी। इस ऑपरेशन में कुल दो आतंकी मारे गए। जुनैद के अलावा दूसरे आतंकी का नाम मुजम्मिल था। जुनैद मट्टू जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ताक़तवर कमांडर था। जुनैद के एनकाउंटर के ठीक एक दिन बाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के अचबल में आतंकियों ने एक बड़ा हमला किया। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के छह जवान शहीद हो गए। 

आतंकियों ने हत्या के बाद शवों को क्षत-विक्षत कर दिया। यह हमला लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू को ढेर करने की प्रतिक्रिया में किया गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर फिरोज अहमद डार, कांस्टेबल शारिक अहमद, कांस्टेबल तनवीर अहमद, कांस्टेबल शेराज़ अहमद, कांस्टेबल आसिफ अहमद और कांस्टेबल सबज़ार अहमद शहीद हो गए। 


बशीर लश्करी 
बुरहान वानी की पहली बरसी से पहले जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक जुलाई 2017 को मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली। सुरक्षाबलों ने लश्कर कमांडर बशीर लश्करी को मार गिराया। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच डेलगाम इलाके में सुबह 6 बजे से एनकाउंटर चल रहा था। 

सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के दौरान दक्षिण कश्मीर में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर बशीर लश्करी के अलावा आज़ाद मलिक नाम के एक और आतंकी को ढेर कर दिया गया। एसएचओ फिरोज डार समेत छह पुलिस वालों की बर्बर हत्या में बशीर लश्करी का नाम सामने आया था। बशीर लश्करी दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके का रहने वाला था। 1999 में वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चला गया था। 2012 में राज्य सरकार की आतंकियों के पुनर्वास की योजना के बाद वह कश्मीर घाटी में वापस लौटा था। 2014 तक लश्करी जेल में बंद रहा। 2015 में वह दोबारा आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया। पिछले एक साल से वह दक्षिण कश्मीर में काफी सक्रिय था। कुछ पाकिस्तानी लश्कर आतंकी भी उसके साथ बताए जाते हैं। बशीर पर 10 लाख रुपये का इनाम था।


अबु दुजाना
एक अगस्त 2017 को पुलवामा के हाकरीपोरा गांव में मुठभेड़ के दौरान लश्कर कमांडर अबु दुजाना मारा गया। दुजाना के साथ एक स्थानीय आतंकी आरिफ ललहारी भी ढेर कर दिया गया। सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान उस घर को आग लगा दी, जिसमें आतंकियों के छिपे होने की खबर थी। अबु दुजाना लश्कर का टॉप कमांडर था। पिछले कई महीनों से सुरक्षाबलों ने दुजाना को मारने के लिए कई ऑपरेशन चलाए थे। दुजाना, सुरक्षा बलों पर किए गए तीन दर्जन से भी ज़्यादा हमलों में वांटेड था। उसके सर पर 15 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।

Advertising