लाकडाउन में जान भी ले सकती है ज्यादा शराबखोरी
punjabkesari.in Saturday, May 23, 2020 - 06:14 PM (IST)
जम्मू (सतीश) : कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग कहीं अत्यधिक शराब का सेवन न करें इसलिए लाकडाउन 1, 2, 3 के दौरान शहर में शराब की दुकानें बंद रहीं। लोग शराब की दुकानों के खुलने का बेसब्री से इंतजार करने लगे। गत दिवस से शहर में शराब की दुकानें खुलते ही दुकानों पर शराब खरीदने के लिए लम्बी लम्बी लाइनें लग गई हैं। कडक़ती धूप में लोग शराब लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं जबकि डाक्टरों की मानें तो अत्यधिक शराब का सेवन जान भी ले सकती है। शराबखोरी वह स्थिति है, जब व्यक्ति शराब का अत्यधिक सेवन करता है तथा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से पीड़ित होने के बावजूद लगातार शराब पीता है। व्यक्ति के शराब पीने की आदत कई तरह की समस्याओं को पैदा करती हैं जबकि शराब पीने से कोरोना से बचाव का कोई संबंध नहीं है। पीने वाले को पीने का कोई बहाना चाहिए।
शराब पीने के नुकसान
नित्य रूप से शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शराब के अधिक उपयोग से मुंह, गले, ग्रासनली, लीवर, स्तन, पेट और मलाशय के कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता हैं। अधिक शराब पीने से मस्तिष्क के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में संकुचन की गति बढ़ जाती है जिसके कारण स्मृति हानि और डिमेंशिया के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से कम होने का कारण बनती है। इस अवस्था को एनीमिया कहते हैं, जिससे कारण थकान, सांस लेने में तकलीफ या सांस का उखडऩा जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। अधिक शराब पीने के कारण प्लेटलेट्स की ब्लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की संभावना अधिक होती है जिसके कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है। लीवर सेल्स के लिए शराब जहर के सामान है। अधिक शराब पाने वाले अनेक लोगों को सिरोसिस की शिकायत रहती हैं। पेट में जलन पैदा करने के अलावा, शराब पीना अग्न्याशय (पेनक्रिया) में भी जलन का कारण बनता है। शराब संवेदी नर्वस सिस्टम को बाधित कर रक्त वाहिकाओं के संकुचन और फैलाव को नियंत्रित करता है। अत्यधिक शराब रक्तचाप में वृद्धि का कारण बनती है।
शराब से कोरोना का बचाव नहीं : डा. जगदीश थापा
मनोरोग विशेषज्ञ डा. जगदीश थापा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए शराब का सेवन करना कोई उपचार नहीं है। लोग कोरोना के नाम पर नहीं बल्कि अपनी शराबखोरी की आदत के कारण शराब खरीदने के लिए मारामारी कर रहे हैं। इस बात की जानकारी लंबे समय से है कि शराब का अधिक सेवन और डिप्रेशन अकसर साथ-साथ रहते हैं। लोग लाकडाउन के कारण मानसिक तनाव को दूर करने के लिए शराब का सहारा ले रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कई लाकडाउन के कारण मानसिक तनाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है लेकिन इस लाकडाउन में तनाव करने के लिए अपने आप को व्यस्त रखें और अपने आप को खुश रखें ताकि मानसिक तनाव आपको तंग न करें। लाकडाउन को नैगेटिव तरीके से नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसे में पहले से मानसिक तनाव के शिकार लोगों को तनाव और परेशान करेगा। इससे डिप्रैशन और एंजायटी बढ़ेगी। लोग शराब का सहारा लेने लगे हैं जबकि इन सभी समस्याओं को दवाओं के बिना भी दूर किया जा सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने छत से पड़ोसियों से बात करें। अपने सगे संबंधियों से फोन पर बात करें। हैल्थी डाइट लें और अपने आपको निट एण्ड क्लीन रखें।