कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले, किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं- हमने 9 बार की बात
punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 01:46 PM (IST)
नेशनल डेस्क: नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन का आज 53वां दिन है। केंद्र सरकार और किसानों के बाच हुई 9वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 19 को होने जा रही है। इसी बीच आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए। भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं।
Most of the farmers & experts are in favour of farm laws. After Supreme Court's order, the laws can't be implemented. Now we expect that farmers discuss the laws clause-wise on Jan 19 & tell govt what they want other than the repeal of the laws: Union Agriculture Minister https://t.co/UJyXhnIkQB
— ANI (@ANI) January 17, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की, हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं। सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है।
सरकार के सामने रखें, कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है। हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें।
It's being said that farmers would unfurl tricolour at Red Fort & tractors and tanks would roll together (on January 26). No such programme has been finalised by the Morcha. Such statements are not in interests of farmers: Mandip Nathwan, Convener, Kisan Sangharsh Samiti, Haryana https://t.co/LsalCdstuE
— ANI (@ANI) January 17, 2021
26 जनवरी को दिल्ली आ रहे हैं किसान: मंदीप नथवान
हरियाणा किसान संघर्ष समिति के सदस्य मंदीप नथवान ने कहा कि 26 जनवरी को बड़ी संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक लेने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। सरकार को भ्रम है कि हम इस आंदोलन को तोड़ देंगे लेकिन हम ये आंदोलन टूटने नहीं देंगे। 18 जनवरी को हम महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे। 26 जनवरी को लाल किले पर टैंक के सामने ट्रैक्टर चलाने जैसा कोई प्लान मोर्चा ने नहीं बनाया है।