Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा ने रचा इतिहास! आज 3.5 लाख श्रद्धालु का आंकड़ा पार, 21 दिन में ही रिकॉर्ड तोड़ दर्शन
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 05:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ रही है। 3 जुलाई को शुरू हुई इस यात्रा में अब तक 3.42 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि शिव भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है, और आज गुरुवार को आधिकारिक तौर पर इस साल यात्रा 3.50 लाख का आंकड़ा पार कर लेगी। यात्रा के समापन में अभी 17 दिन बाकी हैं, क्योंकि श्रद्धालु 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन पवित्र गुफा के आखिरी दर्शन करेंगे।
खराब मौसम और आतंकियों का डर बेअसर
यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को न तो खराब मौसम की चिंता है और न ही भूस्खलन का डर। "बम-बम भोले" के जयकारे लगाते हुए यात्रा कर रहे इन भक्तों का कहना है कि जब अमरनाथ गुफा में भोलेनाथ खुद विराजमान हैं और भारतीय सेना चप्पे-चप्पे पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कर रही है, तो फिर चिंता किस बात की।
ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ सकती है, लेकिन आतंकी मंसूबों की धज्जियां उड़ाते हुए देश के कोने-कोने से भारी संख्या में श्रद्धालु हर दिन यात्रा पर आ रहे हैं।
छड़ी मुबारक की अंतिम यात्रा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है, जिससे श्रद्धालुओं को रिकॉर्ड संख्या में आने का प्रोत्साहन मिला है। यात्रा संपन्न होने की तैयारियाँ भी शुरू हो गई हैं। 10 जुलाई को पहलगाम में 'छड़ी मुबारक' का भूमि पूजन किया गया था, जिसके बाद इसे दशनामी अखाड़ा भवन में वापस उसके स्थान पर ले जाया गया।
'छड़ी मुबारक' 4 अगस्त को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा मंदिर से अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा में पहुँचेगी, जिसके साथ ही यात्रा का आधिकारिक तौर पर समापन हो जाएगा। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए अधिकारियों ने व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की गई हैं। सेना ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 8000 से अधिक विशेष कमांडो भी तैनात किए हैं।
यात्रा मार्ग और हिमशिवलिंग का महत्व
कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा तक श्रद्धालु पारंपरिक पहलगाम मार्ग या छोटे बालटाल मार्ग से पहुँचते हैं।
पहलगाम मार्ग (46 किलोमीटर): इस मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं। इस मार्ग से श्रद्धालुओं को गुफा तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं।
बालटाल मार्ग (14 किलोमीटर): यह छोटा मार्ग है, जहाँ से यात्रा करने वाला श्रद्धालु एक ही दिन में दर्शन कर वापस आधार शिविर लौट सकता है।