वडोदरा में भारी बारिश की चेतावनी, स्कूल-कॉलेज बंद व राहत कार्य में वायु सेना भी जुटी
Friday, Aug 02, 2019 - 10:34 AM (IST)
वडोदरा: गुजरात के वडोदरा शहर तथा आसपास में पिछले 24 घंटे के दौरान अत्यधिक भारी बारिश के कारण जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं यहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं और राहत और बचाव एजेंसियों ने लगभग 5000 लोगों को 26 निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार भी वडोदरा में भारी बारिश की चेतावनी दी है जिससे राहत और बचाव कार्य पर असर पड़ सकता है। शुक्रवार को वडोदरा में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रके गए हैं। शहर में गुरुवार शाम चार लोगों की बारिश के चलते दीवार गिरने से छाणी थाना क्षेत्र के बाजवा रोड की एक झोपड़ पट्टी में मौत हो गई थी।
वहीं शहर के वारसिया थाना क्षेत्र के खोडियारनगर से पानी में बहता लगभग 60 वर्ष के एक पुरुष का शव बरामद किया गया। इसके अलावा इसी क्षेत्र में महेश चौकसी नाम के एक आभूषण व्यवसायी की आज करंट लगने से मौत हो गई। दो दिनों से बीमार एक अन्य व्यक्ति की भी बाढ़ जैसे हालात के बीच मौत हुई है। प्रशासन ने लोगों को करंट लगने से बचाने के लिए शहर के कुल 304 में से जलभराव वाले इलाकों के 47 इलेक्ट्रिक फीडर बंद कर दिए हैं जिससे वहां बिजली गुल है।
- वडोदरा शहर में एक ही दिन में 499 मिलीमीटर वर्षा हुई जो उसके सालाना औसत वर्षा का 50 प्रतिशत से भी अधिक है। शहर के बड़े हिस्से में अब भी कई फुट पानी भरा हुआ है।
- प्रशासन ने राहत काम के लिए सेना की दो टुकड़ियां, एनडीआरएफ की पांच और एसडीआरएफ की चार टीमों के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस की दो कंपनियों तथा वडोदरा और सूरत के अग्निशमन विभागों के कर्मियों और स्थानीय पुलिस को लगाया है। वायु सेना भी इस काम में सहयोग कर रही है।
- मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हालात के मद्देनजर वडोदरा वासियों से प्रशासन को सहयोग देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस स्थिति को लेकर लगातार संपर्क में है।
- शहर के फतेहगंज, कारेली बाग, मांडवी, पाणी गेट, दांडिया बाजार, रावपुरा टावर, हरिनगर (गोत्री) और समा तरसाली, चाणक्यपुरी , कल्याणपुरी, मकरपुरा आदि इलाकों में घरों में भी पानी घुस गया है। प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों में आज अवकाश घोषित कर दिया है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
- शहर के पास से बहने वाली विश्वामित्री नदी भी उफान पर है। इसमे बड़ी संख्या में रहने वाले मगरमच्छ भी शहर में बह कर पहुंच गए हैं। कुछ इलाकों में पानी में मगरमच्छ देखे भी गए हैं और ऐसे कम से कम तीन मगरमच्छों को पकड़ा भी जा चुका है।
- आपूर्ति की कमी के कारण दूध और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए लंबी कतारें भी देखी गईं।
- लोगों को कमर और कंधे तक पानी में चल कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाते भी देखा गया। राहत एजेंसियों की ओर से स्थानांतरित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
- कई स्थानों पर लोग निचली मंजिल के अपने जलमग्न आवासों को छोड़ ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं।
- जिले के मंजूसर औद्योगिक क्षेत्र में भी जलजमाव से उत्पादन पर असर पड़ा है। शहर से गुजरने वाली 20 से अधिक ट्रेने रद्द अथवा डायवर्ट हो चुकी हैं।
- सयाजीगंज चिड़यिाघर तथा सरकारी एसएसजी अस्पताल परिसर में भी जलजमाव हो गया है। कलेक्टर शालिनी अग्रवाल ने यूएनआई को बताया कि शहर के बीचोबीच बहने वाली विश्वामित्री नदी का जलस्तर अब भी घट नहीं रहा जिससे शहर से पानी उतर नहीं पा रहा।
- आजवा डैम से भी अतिरिक्त पानी नदी में छोड़े जाने तथा जलग्रहण क्षेत्रों में वर्षा के कारण शहर में अतिरिक्त पानी का प्रवाह हो गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच खाने के पैकेट का वितरण भी किया जा रहा है। लगभग 75 हजार खाने के पैकेट तैयार किए गए हैं।