दिल्ली में स्कूल-कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बिक्री पर लगा बैन, जारी हुए निर्देश
punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 07:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क : दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री रविन्द्र इंद्राज सिंह ने राजधानी में नशामुक्ति अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार, 9 जुलाई को पूर्वी दिल्ली में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने स्कूलों और कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। इस बैठक में जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, समाज कल्याण विभाग और एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद थे।
नशे पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम
मंत्री इंद्राज सिंह ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने डार्क स्पॉट्स, पार्कों और सार्वजनिक शौचालयों जैसे स्थानों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए, जहां नशे के सेवन की अधिक संभावना रहती है। इसके साथ ही मेडिकल स्टोर्स और अन्य दुकानों पर नशे के रूप में उपयोग की जाने वाली दवाओं की बिक्री पर भी सख्ती बरतने के आदेश दिए गए हैं।
“आने वाली पीढ़ी को बचाना ज़रूरी”: इंद्राज
मंत्री ने कहा, “स्कूल-कॉलेजों के पास तंबाकू की बिक्री पर रोक एक अहम कदम है। पुलिस और शैक्षणिक संस्थान जनसहयोग से इसे लागू करें ताकि आने वाली पीढ़ी को नशाखोरी से बचाया जा सके।” उन्होंने बताया कि बैठक में पार्कों में ओपन जिम की स्थापना, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, नए डि-एडिक्शन सेंटर खोलने और जागरूकता अभियानों पर भी चर्चा की गई है। विशेष रूप से अभिभावकों को जागरूक करने पर जोर दिया गया ताकि वे बच्चों में नशे के शुरुआती लक्षण पहचान सकें।
विश्वविद्यालयों में बनेंगे 'ड्रग-फ्री जोन'
मंत्री इंद्राज सिंह ने सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों से नशामुक्ति क्लब बनाने और परिसरों को ड्रग-फ्री जोन घोषित करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही स्कूलों में एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त करने और छात्रों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करने की योजना पर भी चर्चा की गई है।
मंत्री ने स्कूल-कॉलेजों में वॉलंटियर्स तैयार करने का भी निर्देश दिया है, जो प्रभावित क्षेत्रों में डोर-टू-डोर जाकर जागरूकता फैलाएंगे। उन्होंने कहा, “नशा केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के भविष्य का सवाल भी है। हम इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।” यह अभियान दिल्ली सरकार की नशामुक्त राजधानी बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।