शिक्षा विभाग की अजीब सलाह, फिट रहने के लिए महिलाएं करें झाड़ू-पोंछा

Tuesday, Nov 14, 2017 - 10:17 AM (IST)

जयपुर: शिक्षा विभाग ने महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए घर में झाड़ू-पोंछा करने और चक्की पीसने का अजीब सुझाव दिया है। ऐसे समय में जब सरकारें महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही हैं, वहीं राजस्थान शिक्षा विभाग की तरफ से लैंगिक भेदभाव पर आधारित इस सलाह की चारों तरफ आलोचना हो रही है। हालांकि एक पत्रिका में महिलाओं को दिए गए सुझाव पर विवाद हो गया है। इस सिलसिले में पी.यू.सी.एल. की राष्ट्रीय सचिव कविता श्रीवास्तव कहती हैं कि यह बेहद शर्मनाक है। जिन घिसे-पिटे तौर-तरीकों से शिक्षा के जरिए छुटकारा दिलाने की कोशिश होती है। शिक्षा विभाग उन्हीं को मजबूत करने में लगा हुआ है।

पत्रिका के प्रधान संपादक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल भी कहते हैं कि घरेलू कामकाज को खास महिलाओं के लिए व्यायाम की तरह नहीं बताया जाना चाहिए लेकिन शायद लेखक अपने आसपास हो रही चीजों से प्रभावित रहे हों, इसलिए वह ऐसा लिख गए। अलबत्ता इसके पीछे महिलाओं से भेदभाव का कोई इरादा नहीं है। यह मैं भरोसा दिलाता हूं। यह पत्रिका स्कूली शिक्षकों के लिए निकाली जा रही है। आमतौर पर इसमें शिक्षा के विषय पर कुछ निबंध, महान व्यक्तियों के प्रसंग और सामान्य रुचि के मसलों पर आलेख आदि होते हैं। इन्हीं के तहत इस बार स्वस्थ रहने के सरल उपाय बताए गए हैं। कुल 52 पेज की पत्रिका के पेज नंबर 32 पर 14 उपायों के जिक्र हैं, जिसमें तीसरे प्वाइंट में लिखा है कि महिलाएं चक्की पीसना, विलौना बिलोना (मक्खन मथना), रस्सी कूदना, पानी भरना, झाड़ू-पोंछा लगाना आदि घर के कामों में भी अच्छा व्यायाम कर सकती हैं।

सरकार को पहले भी झेलनी पड़ी है किरकिरी
ऐसा पहली बार नहीं है जब राजस्थान सरकार को ऐसी वजह से किरकिरी झेलनी पड़ रही है। इससे पहले क्लास 9वीं की हिंदी की किताब में एक गृहिणी की गधे से तुलना की गई थी। उसमें कहा गया था कि गधा एक गृहिणी की तरह होता है। उसे दिन भर मेहनत करनी पड़ती है। कई बार भूखा-प्यासा भी रहना पड़ता है। किताब में गधे को गृहिणी से बेहतर भी बता दिया गया और लिखा गया कि गृहिणी तो शिकायत करती भी है, गधा कभी मालिक को धोखा नहीं देता।

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