भारत को हराने के लिए दुनिया के दिग्गज देशों ने 'इस मंच पर' मिलाया हाथ

Tuesday, Nov 21, 2017 - 01:51 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अंतरराष्ट्रीय अदालत की अंतिम सीट के लिए चुनाव में ब्रिटेन के उम्मीदवार के खिलाफ भारतीय प्रत्याशी दलवीर भंडारी की जीत की संभावना से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य सकते में आ गए है, क्योंकि यह एक मिसाल तय करेगा जो भविष्य में उनकी शक्ति को चुनौती दे सकता है।

भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में पुन: चुनाव के लिए कड़ा मुकाबला है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमरीका, रूस, फ्रांस और चीन, ग्रीनवुड के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। सुरक्षा परिषद का पांचवां स्थायी सदस्य ब्रिटेन है। अब तक 11 दौर के चुनाव में भंडारी को महासभा के करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिला है लेकिन सुरक्षा परिषद में वह ग्रीनवुड के मुकाबले तीन मतों से पीछे हैं। 

वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थायी सदस्यों के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से भारत की जीत की संभावना से डरे हुए इन पांचों देशों का कहना है कि, आज ब्रिटेन है और कल हममें से कोई भी हो सकता है। इस दलील ने इन सभी पांच सदस्यों को साथ ला दिया है। अब तक के सभी दौर के चुनाव में सुरक्षा परिषद में ग्रीनवुड को नौ और भंडारी को पांच मत मिले हैं।

ऐसी संभावना है कि सोमवार को भारत अपने खाते में और वोट जोड़ सकता है। ऐसा समझा जाता है कि नई दिल्ली और संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन सुरक्षा परिषद के सदस्यों को यह समझाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि महासभा के बहुमत की आवाज के साथ जाने की जरूरत है।

रविवार की शाम तक ब्रिटेन अपनी योजना पर अमल करने को तैयार दिखा। इसके तहत पहले दौर के मतदान के बाद वे सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाएंगे और अगले दौर के मतदान को रोकने के लिए आदेश चाहेंगे और संयुक्त सम्मेलन प्रणाली को स्वीकार करने की मांग करेंगे। भारत के लिए यह फायदेमंद हो सकता है क्योंकि सुरक्षा परिषद द्वारा आगे के दौर का मतदान रोके जाने से आईसीजे चुनाव में गुप्त मतदान नहीं होगा।

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