आतंकी भर्तियों को रोकने के लिए मौजूदा ‘आत्मसमर्पण नीति’ को किया  जाएगा upgrade

Wednesday, Jan 30, 2019 - 01:48 PM (IST)

 श्रीनगर : केन्द्र सरकार के निर्देशों के बाद राज्य के गृह विभाग द्वारा मौजूदा आत्मसमर्पण नीति को अपग्रेड करने के लिए प्रारुप तौयार किया गया जिसे इस साल शुरु किए जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जम्मू.कश्मीर पुलिस ने हथियार उठाने वाले युवाओं की वापसी को और नए सिरे से आतंकी भर्ती को रोकने को सुनिश्चित करने के लिए पहले से मौजूद आत्मसमर्पण नीति को ‘अपग्रेड’ कर दिया है। सूत्रो के अनुसार राज्य के गृह विभाग ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ परामर्श शुरु कर दिया गया है और आतंकियों के लिए नई आत्मसमर्पण नीति 2019 के बीच में शुरु किए जाने की संभावना है। 

उन्होंने कहा कि नीति का विस्तृत मसौदा उनकी टिप्पणियों, सुझावों और प्रतिक्रिया के लिए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच प्रसारित कर दिया गया हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सुझावों को अंतिम नीति में शामिल किया जाएगा।  एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के शर्त पर कहा कि भारत सरकार चाहती है कि नीति को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शामिल किया जाए लेकिन नीति अभी भी मसौदा चरण में है, नई दिल्ली में नई सरकार के चुने जाने के बाद अंतिम नीति को लागू किया जाएगा। 


 
 हथियार छोड़ देने वाले आतंकियों को ‘त्यागकर्ता’ कहा जाएगा। मसौदा नीति के अनुसार ‘त्यागकर्ता’ बैंक में 5-6 लाख रुपए की जमा राशि का हकदार होगा और राशि पर बैंक से प्रति माह 4000 रुपए का ब्याज प्राप्त करना जारी रखेगा। मसौदा में यह भी बताया गया है कि यदि सी.आई.डी. विभाग उसे एक अच्छा व्यवहार प्रमाणपत्र देता है तो आतंकी जमा राशि को निकाल सकते हैं। 

 

उमर सरकार ने लाई थी नीति
बता दें कि उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नैशनल कांफ्रैंस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने नवंबर 2010 में पाकिस्तान जाने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व आतंकियों की वापसी की सुविधा के लिए नीति पेश की थी। पूर्व आतंकियों की वापसी के लिए नियंत्रण रेखा पर संयुक्त चैक पोस्ट वाघा, अटारी, सलामाबाद या चाकन दा बाग क्रॉसिंग और इंदिरा गंाधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली जैसे मार्गों की पहचान की गई थी लेकिन नीति वांछित परिणाम प्राप्त करने में विफल रही क्योंकि पूर्व आतंकियों ने नेपाल के माध्यम से वापसी करना शुरु कर दिया। 
 

Monika Jamwal

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