WhatsApp ग्रुप बनाने के लिए लेना होगा लाइसेंस, एडमिन को भरने होंगे पैसे : सरकार का फैसला

punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2024 - 10:04 AM (IST)

नेशनल डेस्क : व्हाट्सएप ग्रुप चलाने के लिए अब आपको लाइसेंस लेना होगा। जी हां, बिल्कुल सहीं सुना आपने। दरअसल, जिम्बाब्वे सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके अनुसार अब व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को अपनी पहचान पंजीकरण करानी होगी और ग्रुप चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह नियम ततेंदा मवेतेरा, जो कि जिम्बाब्वे के सूचना, संचार प्रौद्योगिकी, पोस्टल और कूरियर सेवाओं के मंत्री हैं, द्वारा घोषित किया गया है।

लाइसेंस की लागत और प्रक्रिया
इस नियम के तहत, व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को $50 से शुरू होने वाली लाइसेंस फीस चुकानी होगी। यह नियम अब सभी व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स के लिए अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली गलत जानकारी को रोकने में मदद मिलेगी और देश में शांति बनाए रखी जा सकेगी।

गलत सूचना पर नियंत्रण
जिम्बाब्वे सरकार का कहना है कि इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत जानकारी को रोकना है। मंत्री मोनिका मुत्स्वंगवा ने कहा कि इस लाइसेंसिंग प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि गलत सूचनाओं के स्रोतों का आसानी से पता लगाया जा सके। यह नियम सिर्फ व्हाट्सएप पर ही नहीं बल्कि सभी सोशल मीडिया गतिविधियों पर लागू होगा, जिसमें धार्मिक संस्थाएं और व्यापारिक संगठन भी शामिल हैं।

डेटा प्रोटेक्शन एक्ट से तालमेल
यह नियम जिम्बाब्वे के डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप है। इस एक्ट के तहत, किसी भी जानकारी को जो व्यक्ति की पहचान उजागर कर सकती है, उसे व्यक्तिगत डेटा के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए। चूंकि व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स के पास अपने सदस्यों के फोन नंबर होते हैं, इसीलिए वे भी इस नियम के तहत आएंगे।

गोपनीयता पर सवाल
हालांकि सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर एक जरूरी कदम बता रही है, लेकिन कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन मान रहे हैं। इस नियम के तहत, ग्रुप एडमिन्स को पंजीकरण के समय अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करनी होगी, जो कई लोगों के लिए चिंताजनक हो सकता है। इस कदम के बाद लोगों की निजता पर असर पड़ने का खतरा है।

आलोचना और विवाद
यह कदम जिम्बाब्वे में पहले से उठाए गए व्हाट्सएप के कदमों जैसे 'सर्च ऑन वेब' फीचर के अनुरूप है, जो गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने का प्रयास करता है। हालांकि, लाइसेंसिंग की अनिवार्यता ने इस विषय पर बहस को जन्म दे दिया है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह कदम ऑनलाइन समुदाय और चर्चाओं पर नकारात्मक असर डालेगा और क्या यह व्यावहारिक है।

जिम्बाब्वे का यह नया नियम न केवल व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स के लिए बल्कि पूरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। जबकि सरकार इसे गलत सूचनाओं पर नियंत्रण के लिए जरूरी कदम मान रही है, आलोचक इसे गोपनीयता का उल्लंघन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के रूप में देख रहे हैं।

 

 


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Content Editor

Utsav Singh

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