तिरुपति लड्डू घोटाला: 2019 से 2024 तक मंदिर में नकली घी से चढ़ा प्रसाद, CBI जांच में बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 05:51 PM (IST)
नेशनल डेस्क : तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी से जुड़ा सनसनीखेज घोटाला सामने आया है। सीबीआई की जांच में पता चला है कि उत्तराखंड की भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी ने 2019 से 2024 तक 68 लाख किलो नकली घी की सप्लाई की, जिसकी कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह घोटाला न केवल आर्थिक धोखाधड़ी है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था पर सीधा प्रहार है।
नकली घी का राज खुला: केमिकल्स से तैयार
सीबीआई की विशेष जांच टीम (SIT) ने खुलासा किया कि भोले बाबा डेयरी ने कभी दूध या मक्खन खरीदा ही नहीं। इसके बजाय, रासायनिक पदार्थों जैसे मोनोडाइग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर का इस्तेमाल कर कृत्रिम घी तैयार किया गया। डेयरी के संचालक पोमिल जैन और विपिन जैन ने भगवानपुर (उत्तराखंड) में नकली देशी घी यूनिट स्थापित की और दूध खरीद के झूठे रिकॉर्ड तैयार किए।
आरोपी अजय कुमार की गिरफ्तारी से बड़ा खुलासा
जांच एजेंसी ने यह जानकारी आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद प्राप्त की। सुगंध ने डेयरी को प्रमुख रासायनिक घटक आपूर्ति किए थे। उसने पोमिल जैन और विपिन जैन के साथ वर्षों तक साठगांठ की। गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर पूछताछ में सुगंध ने कबूल किया कि निजी डेयरी लेबल के तहत TTD को मिलावटी घी भेजा जाता था।
ब्लैकलिस्ट के बाद भी जारी सप्लाई
2022 में भोले बाबा डेयरी को ब्लैकलिस्ट करने के बावजूद, आरोपी अन्य कंपनियों के नाम पर नकली घी की सप्लाई जारी रखे। इनमें वैष्णवी डेयरी (तिरुपति), माल गंगा डेयरी (उत्तर प्रदेश) और एआर डेयरी फूड्स (तमिलनाडु) शामिल हैं। जुलाई 2023 में TTD द्वारा रिजेक्ट किए गए चार टैंकर घी (जिनमें पशु वसा की मिलावट थी) को लेबल बदलकर दोबारा भेजा गया।
FSSAI और सीबीआई टीम ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी प्लांट का निरीक्षण किया। वहां पता चला कि रिजेक्ट घी वापस नहीं लौटा, बल्कि स्थानीय स्टोन क्रशिंग यूनिट में भेजा गया, जो वैष्णवी डेयरी के पास था। अगस्त 2024 में वैष्णवी डेयरी ने उसी घी को प्रोसेस कर लेबल बदले और तिरुपति मंदिर को सप्लाई किया, जो अंततः भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल हुआ।
आस्था पर चोट, CBI की गहन जांच
सीबीआई ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में इसे धार्मिक आस्था से जुड़ा गंभीर अपराध बताया। एजेंसी अब TTD के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है। घोटाले ने श्रद्धालुओं में आक्रोश पैदा कर दिया है। यह मामला पिछले साल भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। लड्डू में घी के साथ जानवरों की चर्बी और मछली तेल की मिलावट के आरोप लगे थे। शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2024 में SIT जांच के आदेश दिए और कहा कि आस्था से जुड़े मामले में राजनीतिक ड्रामा नहीं बरतना चाहिए। TTD ने 21 सितंबर 2024 को दावा किया था कि प्रसाद अब पूरी तरह शुद्ध है और इसकी पवित्रता बरकरार रखने का वादा किया।
