पाकिस्तान को कैसे दिया ''स्लेजिंग का जवाब'', तिलक वर्मा ने किया खुलासा, देखें video
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एशिया कप के फाइनल में भारत को शानदार जीत दिलाने वाले युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने खुलासा किया है कि उन्होंने मैदान पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों की छींटाकशी (स्लेजिंग) और आक्रामक रवैये का जवाब कैसे दिया। तिलक के अनुसार खिताब जीतना ही विरोधी टीम को करारा जवाब देने का सबसे अच्छा तरीका था। दुबई में हुए फाइनल में तिलक वर्मा की 69 रनों की नाबाद पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया था।
दबाव में देश को रखा सबसे ऊपर
दुबई से लौटने के बाद तिलक वर्मा ने बताया कि शुरुआती ओवरों में भारत ने जल्दी-जल्दी तीन विकेट गंवा दिए। इसके बाद माहौल काफी गर्म हो गया था और इसी के चलते उनपर भी काफी दबाव था।
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VIDEO | Hyderabad: "They (Pakistani players) tried hard and were coming at us once we were three down, but for me it was important to remain calm and play well to win the match. After winning, I replied to them perfectly, and everyone had seen it, " says Indian batter Tilak… pic.twitter.com/h6FufpVrox
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2025
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तिलक ने कहा, "शुरुआत में थोड़ा तनाव था, लेकिन मैंने अपने देश को सबसे ऊपर रखा। मैं जानता था कि अगर मैं दबाव के आगे झुक गया, तो न सिर्फ मैं खुद को बल्कि पूरे 140 करोड़ देशवासियों को निराश कर दूंगा।" उन्होंने अपनी रणनीति बताते हुए कहा, "मैंने अपने बेसिक्स पर भरोसा रखा, जो मैंने अपने कोचों से सीखा था। यही सही रास्ता था और हमने वही किया— एशिया कप जीतकर उन्हें जवाब दिया।"
खामोशी थी तिलक का हथियार
तिलक ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने मैच के दौरान लगातार छींटाकशी (स्लेजिंग) की, लेकिन उन्होंने जानबूझकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। "हमने शुरुआती तीन विकेट जल्दी गंवाए थे... मैंने जल्दी बल्लेबाजी शुरू की, लेकिन किसी को जवाब नहीं दिया और न ही कोई जोखिमभरा शॉट खेलकर टीम या देश को निराश किया।"
उन्होंने कहा कि जीत के बाद ही पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब मिला। तिलक ने साफ कहा, "जो कहना था, मैंने मैच के बाद कह दिया। भारत और पाकिस्तान के मैचों में हमेशा कुछ चलता रहता है, लेकिन हमारा एकमात्र लक्ष्य मैच जीतना था।"
आखिरी ओवर में कोई दबाव नहीं
मैच के आखिरी ओवर में जब भारत को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे, तब भी तिलक वर्मा शांत रहे। उन्होंने कहा, "मुझ पर आखिरी ओवर में कोई दबाव नहीं था। मैं सिर्फ अपने देश के लिए सोच रहा था और गेंद दर गेंद रणनीति बना रहा था। मुझे गर्व है कि मैं यह कर सका।"