चक्रवात ''निसर्ग'' से महाराष्ट्र में 3 लोगों की मौत, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश

Thursday, Jun 04, 2020 - 02:47 AM (IST)

नई दिल्लीः चक्रवात निसर्ग बुधवार को मुंबई के करीब तक पहुंचा लेकिन कोविड-19 महामारी से जूझ रहे महानगर को इसने प्रभावित नहीं किया और शाम में यह कमजोर भी पड़ गया। हालांकि, इसके चलते तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल भी हुए हैं जबकि रायगढ़ और पालघर जिलों में तूफान के चलते पेड़ उखड़ गए। वहीं, असम में बाढ़ के हालात में बुधवार को थोड़ा सुधार हुआ। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इस बीच, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलावा देश के उत्तरी राज्यों के कई स्थानों में भी बारिश भी हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। 

भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात ‘निसर्ग' बुधवार दोपहर महाराष्ट्र तट पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ पहुंचा। यह अरब सागर से आया और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग में इसने दस्तक देना शुरू किया। यह प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे पूरी हुई। अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के अगले छह घंटों में हवा के कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की उम्मीद है और फिलहाल यह महाराष्ट्र के पुणे के ऊपर मौजूद है। 

गुजरात के तटीय जिलों सहित मुंबई-वासियों और पड़ोसी इलाकों के लोगों ने चक्रवात का मुकाबला करने के लिये तैयारियां कर रखी थी, लेकिन प्रभावित इलाकों में नुकसान के रूप में केवल पेड़ उखड़ने के कारण अधिक क्षति नहीं होने से लोगों ने राहत की सांस ली।

गुजरात के दक्षिणी तटीय इलाकों में चक्रवात निसर्ग की वजह से कोई बड़ा नुकसान होने की खबर नहीं है। प्रदेश के राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने कहा कि गनीमत रही कि चक्रवात बिना जानमाल के किसी बड़े नुकसान के गुजर गया। इस बीच, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार गोलपाड़ा जिले के लखीपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा गोलपाड़ा,नागांव,होजई और कछार जिलों के कम से कम 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 

बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित गोलपाड़ा जिला है जहां 1.16 लाख लोग मुसीबत का सामना कर रहे हैं। इसके बाद होजई में 22,500 से अधिक और नागांव में 5,650 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मंगलवार तक तीनों जिलों में करीब 1.56 लाख लोग प्रभावित थे। एएसडीएमए ने कहा कि एसडीआरएफ ने पिछले 24 घंटे में गोलपाड़ा में छह लोगों को बचाया है।

वर्तमान में 212 गांवों में पानी भरा है और 22,718 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। इसने कहा कि अधिकारी तीन जिलों में 21 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां वर्तमान में 2,913 लोग शरण लिए हुए हैं। वहीं, मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दिल्लीवासियों को 10 जून तक लू का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि बुधवार से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं दिल्ली-एनसीआर में नमी ला रही हैं। 

Pardeep

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