तीन तलाक के बाद अब रोहिंग्या पर फंसी कांग्रेस!

Monday, Sep 18, 2017 - 08:51 PM (IST)

नई दिल्लीः लगातार चुनावी हारों में कांग्रेस पार्टी हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को बड़ी वजह मानती है। पहले तीन तलाक का मुद्दा और अब रोहिंग्या मुसलमानों का मसला सामने आया है। एेसे में एक बार फिर यही मुद्दा कांग्रेस के लिए गले की फांस बनकर उबर रहा है। इन परिस्थतियों में पार्टी को कोई चारा नहीं मिल रहा तो वो सरकार पर दोहरी राय रखकर राजनीति करने का आरोप लगा रही है।

उधर, रोहिंग्या मुसलमानों के मामले पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कड़ा हलफनामा दाखिल करते हुए साफ कर दिया कि, वह इनको देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानती है और उनको देश से बाहर करना ही होगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस अपनी सीधी राय नहीं बना पा रही है। वह ना अल्पसंख्यकों को नाराज करना चाहती है और ना ही बहुसंख्यक समाज के सामने विलेन बनना चाहती है। इसके चलते इस मसले पर वह सरकार को कटघरे में खड़ा कर पीछा छुड़ाना चाहती है।

दरअसल, तीन तलाक के मुद्दे पर भी कोर्ट का फैसला आने तक कांग्रेस असमंजस में थी। कोर्ट का फैसला आने के बाद जनभावना के मद्देनजर उसने स्वागत किया, जबकि बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर तीन तलाक का विरोध किया था। जबकि कांग्रेस कहती रही, मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय हो और अदालत फैसला करे। 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सरकार के रुख पर कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना  है कि सरकार की अपनी कोई साफ नीति नहीं है। एक तरफ मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए जहाज से रोहिंग्या मुसलमानों के लिए राहत सामग्री भेज रही है। वहीं, दूसरी तरफ हिंदुत्व की राजनीति के तहत इनको देश के लिए खतरा बताकर बाहर करने का हलफनामा दे रही है। 

कांग्रेस का कहना है कि आखिर यह कैसे हो सकता है कि, एक तरफ आप मानवीयता के आधार पर रोहिंग्या मुस्मिमों को मदद भेजें और दूसरी तरफ उनको देशविरोधी गतिविधियों में शामिल बताएं। सरकार किसी एक नीति पर आगे नहीं बढ़ रही है। 

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रोहिंग्या अगर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं तो सिर्फ उनको बाहर ही नहीं किया जाए बल्कि उनको राहत सामग्री भी नहीं दी जाए।


 

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