चुनावी वादों की बात करने वालों को ‘राष्ट्र विरोधी’ करार दिया जा रहा है : शिवसेना

Monday, Oct 01, 2018 - 07:54 PM (IST)

मुंबई : शिवसेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि 2014 के चुनाव से पहले उन्होंने विभिन्न वादे किए थे किंतु जो भी उन वादों को पूरा करने की याद दिला रहा है, उसे ‘राष्ट्र विरोधी’ करार दिया जा रहा है। पार्टी ने उम्मीद जताई कि चुनाव में अनैतिक चलन पर रोक लगाने की चुनाव आयोग की घोषणा उसी तरह का ‘खोखला वादा’ बनकर नहीं रह जाएगी जैसा कि राजनीतिक दल करते हैं। पार्टी ने आगाह किया कि यदि लोगों के धैर्य की सीमा पार कर गई तो विद्रोह होगा।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा गया कि एक ऐसा देश जहां विधि निर्माता पद की गोपनीयता की शपथ लेने के बाद झूठ बोलते हों, वहां चुनाव सुधारों और आचार संहिता को ‘मिथ्या’ ही कहा जा सकता है। इसमें कहा गया, ‘राज्य निर्वाचन आयुक्त जे एस सहारिया ने कहा कि उनकी राय में चुनाव अभियान के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम रहने वाले राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए। इस तरह के परिदृश्य में इस प्रकार के वादे कार्रवाई के लिए उपयुक्त मामला है।’

सम्पादकीय में कहा गया कि सत्ता में आने वाले राजनीतक दल को अपने वादे पूरे करने चाहिए। राज्य चुनाव आयोग को इस बात का पता लगाना चाहिए कि 2014 के चुनाव से पहले किए गये वादों में से कितने लागू किए गए तथा उसके अनुरूप कठोर कदम उठाना चाहिए। मराठी दैनिक के अनुसार, ‘2014 के आम चुनाव से पहले मोदी ने कई वादे किए थे, जैसे पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के अधीन लाना, काले धन का पता लगाना, प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपए डलवाना। ‘केन्द्र एवं महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना ने कहा, ‘यदि कोई इन वादों के बारे में पूछता है तो उस व्यक्ति को राष्ट्र विरोधी करार दिया जाता है।’
 

shukdev

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