सड़क हादसों में घायलों को मिलेगा मुफ्त इलाज, असम और चंडीगढ़ में लागू पायलट प्रोजेक्ट
punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2024 - 09:25 PM (IST)
नेशनल डेस्कः देश के अलग-अलग हिस्सों से हर दिन रोड एक्सीडेंट के हजारों मामले सामने आते हैं। इन हादसों में ना जाने कितने लोग दम तोड़ देते हैं और कितने ही लोग घायल हो जाते हैं। अब केंद्र सरकार घायलों के लिए मुफ्त इलाज की योजना लेकर आई है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि सरकार ने सड़क हादसों में पीड़ितों को कैशलेस इलाज के लिए एक योजना लागू की है।
गडकरी ने गुरुवार को संसद में बताया कि परिवहन मंत्रालय ने एक योजना विकसित की है और इसे चंडीगढ़ और असम में पायलट आधार पर लागू करना शुरू कर दिया है। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार प्रदान करना है। मंत्री ने बताया कि इस योजना में मोटर वाहनों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में शामिल व्यक्तियों के उपचार को शामिल किया गया है, चाहे सड़क का प्रकार कुछ भी हो। मंत्रालय इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से लागू किया जा रहा है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा, "इस योजना के तहत, पात्र पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल से संबंधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं।"
यह योजना मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 164बी के तहत स्थापित मोटर वाहन दुर्घटना कोष के तत्वावधान में संचालित की जा रही है। आय के स्रोत और निधियों के उपयोग का विवरण केंद्रीय मोटर वाहन (मोटर वाहन दुर्घटना कोष) नियम, 2022 में दिया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एनएचए स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के समन्वय में कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
मंत्री गडकरी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, कैशलेस उपचार के लिए पायलट कार्यक्रम मोटर वाहनों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को सहायता प्रदान करता है, चाहे दुर्घटना कहीं भी हुई हो। इस योजना से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिलेगी और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को बेहतर उपचार प्रदान करने में मदद मिलेगी।