पीएम मोदी के वो ऐतिहासिक फैसले, जिनसे बदल गई राजनीतिक सूरत

Tuesday, Jan 08, 2019 - 05:32 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है। अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने आम जनता के सामाजिक और आर्थिक जीवन पर डालने वाले कई बड़े फैसले किए हैं। पीएम मोदी ने ये कड़े फैसले ऐसे समय पर लिए, जिससे बीजेपी को राजनीतिक तौर पर नुकसान हो सकता था। लेकिन उन्होंने राजनीतिक लाभ को दरकिनार करते हुए फैसले लिए।

आइए नजर डालते हैं पीएम मोदी के उन पांच बड़े फैसलों पर, जिनकी वजह से बदल गया आम-आदमी का जीवन

सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सभी धर्मों के सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस फैसले को मंजूरी मिलने के बात कर यह प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण के इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार संविधान संसोधन का विधेयक लाएगी। इस आरक्षण को संवैधानिक मान्यता देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15, अनुच्छेद 16 में बदलाव करना होगा। गैर-आरक्षित वर्गों के 10 प्रतिशत आरक्षण में 8 लाख से कम वार्षिक आय वाले लोगों (मध्यम वर्ग और गरीब) 1000 वर्गफीट तक के घर वाले और 5 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वाले सवर्ण आएंगे।

नोटबंदी का बड़ा फैसला
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक रात 8 बजे टीवी पर आकर एक ऐतिहासिक घोषणा की थी। यह घोषणा थी नोटबंदी की। उन्होंने 8 नवंबर की रात 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने यह फैसला उस समय लिया था, जब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले थे। उनके इस फैसले पर विपक्ष की ओर से काफी हंगामा मचाया गया था। हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले से लोगों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी थी। लेकिन इसके चलते देश में कैशलेश इकोनॉमी और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिला था।

पूरे देश में लागू किया जीएसटी
1 जुलाई 2017 को पीएम मोदी ने जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर (Goods & Services Tax) लागू किया। राज्य सभा में जीएसटी को लेकर संविधान संसोधन को मंजूरी मिल जाने के बाद इसे पूरे देश में लागू किया गया। जीएसटी को एक बड़े आर्थिक सुधार के लिए गए फैसले के रूप देखा गया था। जीएसटी लागू होने से पहले केंद्र और राज्य द्वारा कई कर लगाए जाते थे। वहीं, जीसएटी के लागू हो जाने पर पूरे देश में एक ही कर लागू हुआ। इसे एक देश, एक बाजार, एक कर के तौर पर प्रचारित किया गया। उस समय गुजरात में विधान सभा चुनाव होने वाले थे।

आयुष्मान भारत योजना से गरीबों का इलाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया था। इसके तहत भारत के गरीब परिवारों को बेहतर इलाज और गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए 25 सितंबर से आयुष्मान भारत स्कीम की शुरुआत हुई। बजट 2019 के दौरान घोषित की गई, आयुष्मान भारत स्कीम के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाएगी। इसमें लगभग सभी गंभीर बीमीरियों का इलाज कवर होगा।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
मोदी सरकार की अहम कल्याणकारी इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों तक एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराना है। प्रधानंत्री उज्जवला योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारक महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और योजना के माध्यम से महिलाओं को चूल्हे से होने वाले धुंए से होने वाली बीमारियों से मुक्ति दिलाना है।

Yaspal

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