Bye-Bye 2018: तेलंगाना में KCR के लिए कामयाब साबित हुआ यह साल

Monday, Dec 24, 2018 - 02:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के लिए वर्ष 2018 राजनीतिक तौर पर कामयाब साबित हुआ। हाल में संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा चुनावों में टीआरएस को शानदार जीत हासिल हुई और वह राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रही। तय समय से पहले कराए गए विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के तुरंत बाद टीआरएस सुप्रीमो और राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपने बेटे के.टी.रामा राव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। केसीआर ने राष्ट्रीय स्तर पर एक गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस मोर्चा गठित करने की अपनी पहल का भी ऐलान किया है।
    
विधानसभा चुनावों में टीआरएस को मिली जीत 
केसीआर सरकार की कल्याणकारी परियोजनाओं, किसान केंद्रित योजनाओं के दम पर विधानसभा चुनावों में टीआरएस को राज्य की 119 सीटों में से 88 पर जीत हासिल हुई, जिससे कांग्रेस की अगुवाई वाले ‘जन गठबंधन’ और भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को महज 19 सीटों से संतोष करना पड़ा। तेलंगाना में जड़ें जमाने की लगातार कोशिश कर रही भाजपा को सिर्फ एक सीट मिल सकी। राज्य सरकार की ‘रायतू बंधु’ फसल निवेश समर्थन योजना और ‘रायतू बीमा’ जीवन बीमा योजना से टीआरएस को बहुत चुनावी फायदा हुआ। 


मक्का मस्जिद मामले में स्वामी असीमानंद हुए बरी
दूसरी ओर, तेलंगाना में इस साल 12 सितंबर को जगतियाल जिले के कोंडागट्टू में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ जिसमें 60 लोग मारे गए। आतंकवाद से जुड़े अहम मुकदमों में हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद को 11 साल पुराने मक्का मस्जिद धमाका मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने बरी कर दिया जबकि बम धमाके के एक अन्य मामले में दो आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई। मार्च में तेलंगाना में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की सीमा से सटे एक जंगली इलाके में हुई मुठभेड़ में छह महिलाओं समेत 10 माओवादी मार गिराए गए। इस मुठभेड़ में एक सुरक्षाकर्मी शहीद हुआ था।  


नंदमुरी हरिकृष्ण की सड़क हादसे में हुई मौत
बीते 29 अगस्त को तेलंगाना के नलगोंडा जिले में एक सड़क हादसे में पूर्व राज्यसभा सदस्य नंदमुरी हरिकृष्ण की मृत्यु हो गई। वह तेदेपा के संस्थापक एन. टी. रामा राव के पुत्र और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के साले थे। तेलंगाना में निवेश आर्किषत करने की टीआरएस सरकार की कोशिशें भी सफल होती नजर आई। फर्नीचर बनाने वाली दिग्गज स्वीडिश कंपनी आइकिया ने यहां अगस्त में अपना पहला आउटलेट खोलकर भारतीय बाजार में कदम रखा। 

vasudha

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