मां को स्कूटर से 56 हजार Km का तीर्थ करवा चुका है यह बेटा, नेपाल-भूटान और म्यांमार के मंदिरों में भी करवाए दर्शन

Wednesday, Jul 06, 2022 - 10:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मैसूर के दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार को अगर आज का श्रवण कुमार कहा जाए तो गलत न होगा। दरअसल देशभर के प्रमुख मंदिरों की यात्रा करने की अपनी मां की इच्छा को पूरा करने के लिए कार्पोरेट कार्यकारी दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार ने अपने करियर को ठोकर मार दी। कृष्ण कुमार ने यह कदम उस समय उठाया जब उनकी मां चुदरत्नम्मा ने उनसे कहा कि वह कर्नाटक के प्रसिद्ध हलेबिडु मंदिर में भी नहीं गई बावजूद इसके कि मंदिर उनके घर से बहुत दूर नहीं है।

कृष्ण कुमार ने कहा कि मां के चेहरे पर असंतोष साफ झलक रहा था। इसने मुझे अपने जीवन के उद्देश्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। बहुत सोचने के बाद मैंने फैसला किया कि मैं अपनी मां को देश के सभी प्रमुख मंदिरों में ले जाना चाहता हूं, वह भी अपने पिता के स्कूटर पर।’’ कृष्ण ने कहा, ‘‘एक सभ्य जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसा कमाने के बाद, मैंने संक्रांति त्यौहार से एक दिन पहले 14 जनवरी, 2018 को अपनी नौकरी छोड़ दी और मां के साथ 16 जनवरी को अपनी तीर्थयात्रा शुरू की।’’

अब तक, मां-बेटे की जोड़ी ने न केवल भारत में बल्कि नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में मंदिरों में जाकर 56,522 किलोमीटर की दूरी तय की है। कृष्ण कुमार ने कहा कि कोरोना ने हमारी तीर्थयात्रा में बाधा डाल दी, जिससे हमें अपनी यात्रा से ब्रेक लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। मां-बेटे की जोड़ी के परिवहन का साधन 2000-मॉडल बजाज चेतक है, जो कृष्ण कुमार को उनके पिता ने उपहार में दिया था।

Seema Sharma

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