असम का ये स्कूल फीस के रूप में बच्चों से लेता है सिर्फ ‘प्लास्टिक’

Friday, Jul 26, 2019 - 05:56 PM (IST)

गुवाहाटीः असम में एक नवदंपत्ती ने स्कूल खोला है। इस स्कूल में दाखिला लेने की शर्त आपको थोड़ी अटपटी लग सकती है। क्योंकि इसमें बच्चों से फीस के रूप में पैसे नहीं बल्कि प्लास्टिक ली जाती है। हर हफ्ते प्रत्येक बच्चें को प्लास्टिक की 25 चीजें फीस के रूप में स्कूल को देते हैं।

फिर जमा हुए इस प्लास्टिक कचरे को स्कूल परिसर में स्थित रिसाइकलिंग युनिट के माध्यम से इकोलॉजिकल ईंटों में तब्दील किया जाता है। यह ईंटे पर्यावरण के लिए अनुकूल है। यह यूनिट भी विद्यार्थियों द्वारा ही संचालित की जाती है।

बता दें कि गुवाहाटी के गौरचुक इलाके में ‘अक्सर फोरम’ मॉडल स्कूल की स्थापना जून, 2016 में माजिन मुक्तार और उनकी पत्नी परमिता सारमा ने की थी। इसमें 110 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनकी उम्र चार से 15 साल के बीच है। ये बच्चें पास के ही पामोही, बोरागांव और गौरचुक गांव से आते हैं।

परमिता कहती हैं कि, बड़े पैमाने पर इन गांवों में प्लास्टिक को जलाया जाता था। हमनें निर्णय लिया कि इस संबंध में हम यहां के लोगों को जागरुक करेंगे। उन्हें बताएंगे प्लास्टिक जलाने से स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ते हैं।

माजिन वर्ष 2013 में न्यूयार्क से एक स्कूल प्रोजेक्ट के सिलसिले में भारत आए थे। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस्स से सामाजिक कार्य के लिए विद्यार्थियों का एक दल आया था। वहीं पर परमिता से उनकी मुलाकात हुई थी। माजिन उस दौरान शिक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। उन्होंने पाया कि पत्थर की खदानों में और अन्य फैक्टरियों में बहुत ही छोटी उम्र में स्कूल छोड़ चुके बच्चें काम कर रहे हैं। हमने सोचा कि आर्थिक मदद और बेहतर शिक्षा के लिए एक स्कूल शुरू किया जाए और इस स्कूल की स्थापना हुई।

 

Ravi Pratap Singh

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