कभी मां के बने पापड़ बेचता था यह इंसान, आज इसके छात्र पूरे विश्व में छाए

Sunday, Jun 12, 2016 - 07:24 PM (IST)

पटना : जेईई एडवांस्ड 2016 का रिजल्ट रविवार को आ गया। इस रिजल्ट में सुपर 30 छा गए। गणितज्ञ आनंद के इस कोचिंग संस्थान सुपर 30 के 28 छात्रों ने जेईई एडवांस में सफल हुए हैं। आनंद कहते हैं कि वे बहुत खुश हैं। बच्चों की सफलता ने आज साबित कर दिया कि सफलता का कोई शार्टकर्ट नहीं होता।

आनंद के पिता की जब मौत हुई उसके बाद अपाहिज चाचा और बीमार नानी के साथ पूरे परिवार की जिम्मेदारी आनंद पर आ गई। आर्थिक हालात इतने कमजोर थे कि आनंद की मां पापड़ बनाकर छत पर सुखाती थीं और आनंद उसे झोले में लेकर साइकिल पर बेचते थे। पापड़ की कमाई से ही घर का खर्च चलता था। आर्थिक तंगी के बावजूद आनंद को उनकी पढ़ाई के दम पर आनंद को इंग्लैंड जाने का अवसर मिला लेकिन पिता की मौत के कारण वे जा नहीं पाए।

ऐसे रखी गई थी सुपर 30 की नींव
आनंद के सुपर 30 कोचिंग संस्थान विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी नींव की कहानी भी कमाल की है। आनंद कहते हैं कि उनके पास एक दिन अभिषेक नामक छात्र पढऩे के लिए आया। अभिषेक फीस के 500 रुपए एक साथ नहीं दे सकता था। उसने बताया जब उसके किसान पिता खेत से आलू निकालेंगे, बेचेंगे तभी वह पैसे दे पाएगा।

अभिषेक एक वकील के घर की सीढिय़ों के नीचे रहता था। आनंद एक दिन उससे मिलने गए तो गर्मियों की भरी दोपहर में सीढिय़ों के नीचे पसीने से तर-बतर होकर अभिषेक पढ़ रहा था। उसकी लगन और गरीबी को देखकर दिमाग में ऐसे छात्रों के लिए कुछ करने का ख्याल आया। इसके बाद ही सुपर 30 की नींव डाली।
 
जुनून की हद तक पढ़ते थे ये बच्चे 
आनंद ने 30 गरीब प्रतिभाशाली बच्चे चुने। उन बच्चों के खाने-पीने का इंतजाम आनंद की मां ने किया। आनंद ने एक मकान किराए पर लिया, जिसमें ये 30 बच्चे रहने लगे। ये छात्र जुनून की हद तक मेहनत करते थे। धीरे-धीरे सुपर 30 के सभी बच्चों ने साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। 
 
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