आतंकियों के शव रस्सी से खींचे जाने पर बोली सेना- यह एक प्रकिया

Sunday, Sep 16, 2018 - 03:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कश्मीर में आतंकियों के शवों को रस्सी से बांधकर ले जाने पर विवाद छिड़ गया है। हालांकि, सेना का कहना है कि यह एसओपी का हिस्सा है। भारतीय सेना की दक्षिण-पश्चिम कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मेथसन ने कहा कि आतंकियों के शवों को रस्सियों से बांधकर ले जाना सेना की एक प्रक्रिया थी, ताकि उनके शरीर से बंधे विस्फोटकों व ग्रेनेड में होने वाले विस्फोट के खतरे से बचा जा सके। 

विस्फोटक का हो सकता है खतरा 
मेथसन ने कहा कि आतंकी अपने शरीर से विस्फोटक (आईईडी) व ग्रेनेड बांध लेते हैं। सैनिक जब उनके शवों को उठाते हैं तो उनके लिए हमेशा खतरा बना रहता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय सैनिकों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी के शव को रस्सियों से बांध कर घसीट रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। 


मानवाधिकार के उल्लंघन मामले में दिया जवाब 
लेफ्टिनेंट जनरल मेथसन ने कहा कि इसका जवाब दिया जाना चाहिए कि देश की रक्षा के लिए लड़ रहे सैनिकों की जिंदगी ज्यादा मायने रखती है या आतंकवादियों के मानवाधिकार का मुद्दा। सेना में पुनर्गठन के सवाल पर सैन्य कमांडर ने कहा कि दुनिया भर की सेनाएं समय-समय पर अपनी समीक्षा करती हैं, ताकि यह देखा जा सके कि उनका ढांचा संभावित खतरों से लडऩे के अनुकूल है या नहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक इकाई को अपनी समीक्षा करने का अधिकार है। 

vasudha

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