पैसे देकर हिंदुओं को बना रहे थे ईसाई, धर्म परिवर्तन से पहले ऐसे खुली पोल
punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 06:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क : गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में कुछ लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसे और अन्य लालच देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों रतिलाल परमार और भंवरलाल पारधी ने कुछ हिंदू लोगों को धर्म बदलने के लिए 20,000 रुपये दिए थे।
वडाली थाना प्रभारी डी. आर. पढेरिया ने बताया कि रतिलाल सुरेंद्रनगर का निवासी है, जबकि भंवरलाल उदयपुर का रहने वाला है। उन्होंने लोगों को यह कहकर धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया कि ईसाई धर्म अपनाने से उनकी गंभीर बीमारियां ठीक हो जाएंगी और वे आर्थिक संकट से उबर सकेंगे।
शिकायतकर्ता रंजीत भंगू ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहे, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। इसके बाद उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी। संगठनों ने पुलिस से संपर्क कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 299 (धार्मिक आस्था का अपमान) और गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।
धर्म बदलने का चलन और गिरती ईसाई आबाद
दुनिया में करीब 2.38 अरब लोग ईसाई धर्म को मानते हैं, लेकिन इस धर्म के अनुयायियों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है। आंकड़ों के अनुसार, 1950 में ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या 35% थी, जो अब घटकर 33% रह गई है।
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप, अमेरिका और रूस में सबसे ज्यादा ईसाई रहते हैं, लेकिन अमेरिका में इनकी संख्या तेजी से घट रही है। बहुत से लोग या तो किसी अन्य धर्म को अपना रहे हैं या फिर पूरी तरह से नास्तिक हो रहे हैं।
इसके अलावा, "रिलीजियस नन्स" नाम का एक नया समूह उभर रहा है, जिसमें वे लोग शामिल हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते। हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि ऐसे लोग बाकी धार्मिक लोगों की तुलना में कम खुश और असंतुष्ट महसूस करते हैं। धर्म परिवर्तन, नास्तिकता और धार्मिक बदलाव को लेकर दुनियाभर में कई शोध किए जा रहे हैं, लेकिन एक बात साफ है कि धर्म से दूरी बढ़ रही है और लोग नए विचारों की ओर बढ़ रहे हैं।