भारत के इन राज्यों में हो सकती है कानूनन गो हत्या!

Friday, Mar 31, 2017 - 05:49 PM (IST)

नई दिल्ली: राज्य विधानसभा ने गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2011 को पारित कर दिया। इस अधिनियम के कानून बन जाने पर किसी भी आदमी को बीफ ले जाने पर भी उम्रकैद की सजा हो सकती है। इसके अलावा बीफ लाने- ले जाने और गाय काटने पर एक लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लग सकता है। इसके पहले साल 2011 में कानून बना कर गाय लाने-ले जाने, काटने और बीफ बेचने पर रोक लगा दी गई थी। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे।

गो माता भारतीय संस्कृति की प्रतीक
गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि गो माता भारतीय संस्कृति की प्रतीक है। राज्य के लोगों से सलाह मशविरा कर ही ये बदलाव किए गए हैं। मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि कानून में संशोधन गो हत्या से जुड़े लोगों से सख्ती से निपटने के लिए किया गया है। नए संशोधनों के तहत इससे जुड़े सभी अपराध अब गैर जमानती हो गए। भारत के 29 में से 10 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस को काटने और उनका गोश्त खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बाकि 18 राज्यों में गो-हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है।

भारत में 80 प्रतिशत लोग करते हैं गाय की पूजा 
भारत की 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी हिंदू है जिनमें ज्यादातर लोग गाय को पूजते हैं लेकिन ये भी सच है कि दुनियाभर में बीफ का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले देशों में से एक भारत है। बीफ बकरे, मुर्गे और मछली के गोश्त से सस्ता होता है। इसी वजह से मुस्लिम, ईसाई, दलित और आदिवासी जनजातियों के भोजन का हिस्सा है।

इन 11 राज्यों में गो-हत्या पर प्रतिबंध
गो-हत्या पर पूरे प्रतिबंध के मायने हैं कि गाय, बछड़ा, बैल और सांड की हत्या पर रोक। ये रोक 11 राज्यों-भारत प्रशासित कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और 2 केन्द्र प्रशासित राज्यों- दिल्ली, चंडीगढ़ में लागू है। गो-हत्या कानून के उल्लंघन पर सबसे कड़ी सजा भी इन्हीं राज्यों में तय की गई है।

इन 10 राज्यों में नहीं प्रतिबंध 
दस राज्यों- केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और एक केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप में गो-हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस का मांस खुले तौर पर बाजार में बिकता है और खाया जाता है। आठ राज्यों और लक्षद्वीप में तो गो-हत्या पर किसी तरह को कोई कानून ही नहीं है। असम और पश्चिम बंगाल में जो कानून है उसके तहत उन्हीं पशुओं को काटा जा सकता है जिन्हें फि़ट फॉर स्लॉटर सर्टिफिकेट मिला हो। ये उन्हीं पशुओं को दिया जा सकता है जिनकी उम्र 14 साल से ज्यादा हो, या जो प्रजनन या काम करने के काबिल ना रहे हों।

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