CJI मिश्रा ही नहीं इन 5 न्यायाधीशों पर भी चल चुका है महाभियोग

Friday, Apr 20, 2018 - 04:47 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने आज प्रधान न्यायाधीश पर ‘गलत आचरण’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को महाभियोग का नोटिस दिया और कहा कि ‘संविधान और न्यायपालिका की रक्षा’ के लिए उनको ‘भारी मन से’ यह कदम उठाना पड़ा है। महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी जस्टिस पर महाभियोग चलाया गया है दीपक मिश्रा से पहले इन न्यायाधीशों पर भी महाभियोग चला था।

चीफ जस्टिस वी रामास्वामी
पंजाब और हरियाणा के चीफ जस्टिस वी. रामास्वामी पर 1993 में महाभियोग की गई थी। हालांकि, लोकसभा में महाभियोग का प्रस्ताव के समर्थन में दो तिहाई बहुमत भी नहीं जुट पाया था।

न्यायाधीश सौमित्र सेन
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सेन को साल 2011 में राज्यसभा ने एक न्यायाधीश के तौर पर वित्तीय गड़बड़ी करने और तथ्यों की गलतबयानी करने का दोषी पाया था जिसके बाद उन पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान हुआ था। हालांकि महाभियोग की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही न्यायमूर्ति सेन ने इस्तीफा दे दिया था।

न्यायाधीश पी डी दिनाकरन
सिक्किम हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश पी डी दिनाकरन भूमि पर कब्जा करने, भ्रष्टाचार और न्यायिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में विवादों में आए थे। अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही उन्होंने 2011 में इस्तीफा दे दिया था।

न्यायाधीश जे.बी. पर्दीवाला
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जे.बी. पर्दीवाला के खिलाफ साल 2015 में राज्यसभा के 58 सदस्यों ने महाभियोग चलाया था। नोटिस आरक्षण के मुद्दे पर आपत्तिजनक टिप्पणी और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ एक मामले में फैसले को लेकर पर्दीवाला के खिलाफ यह महाभियोग चलाया गया था। हालांकि जैसे ही सदस्यों ने
महाभियोग का नोटिस राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी को भेजा, उसके कुछ ही घंटों बाद पर्दीवाला ने फैसले से अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी।

न्यायाधीश नागार्जुन रेड्डी
साल 2016 में आंध्र और तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नागार्जुन रेड्डी पर  
एक दलित न्यायाधीश को प्रताड़ित करने के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप था जिसके चलते राज्यसभा के 61 सदस्यों ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए याचिका दी थी। हालांकि जिन राज्यसभा के 54 सदस्यों ने रेड्डी के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का प्रस्ताव दिया था  उनमें से 9 ने अपना हस्ताक्षर वापस ले लिए थे।

Seema Sharma

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