ये हैं वो 7 रोहिंग्या नागरिक, जिनको भारत आज भेज रहा हैं म्यांमार

Thursday, Oct 04, 2018 - 12:09 PM (IST)

नई दिल्लीः असम में गैरकानूनी तरीके से रह रहे 7 रोहिंग्या प्रवासियों को आज म्यांमार वापिस भेजा जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत से रोहिंग्या प्रवासी म्यांमार वापस भेजे जा रहे हैं। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 2012 से ही ये लोग असम के सिलचर जिले के कचार केन्द्रीय कारागार में बंद हैं। ये हैं वो 7 रोहिंग्या नागरिक- मोहम्मद जमाल, मोहबुल खान, जमाल हुसैन, मोहम्मद युनूस, सबीर अहमद, रहीम उद्दीन और मोहम्मद सलाम शामिल हैं। इनकी उम्र 26 से 32 वर्ष के बीच है।

म्यांमार ने माना इन्हें अपना नागरिक
दिल्ली के अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के बारे में म्यांमार के राजनयिकों को कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी और उन्होंने इन प्रवासियों के पहचान की पुष्टि की है।
वहीं गुवाहाटी में असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) भास्करज्योति महंता ने कहा कि विदेशी नागरिकों को वापस भेजने का काम पिछले कुछ समय से चल रहा है। इस साल की शुरुआत में हमने बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान के कई नागरिकों को स्वदेश वापस भेजा है। सात रोहिंग्या लोगों को विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में 29 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था।

14,000 से अधिक रोहिंग्या हैं भारत में
भारत सरकार ने पिछले साल संसद में बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रहते हैं। हालांकि मदद प्रदान करने वाली एजेंसियों ने देश में रहने वाले रोहिंग्या लोगों की संख्या करीब 40,000 बताई है। रखाइन राज्य में म्यांमार सेना के कथित अभियान के बाद रोहिंग्या लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागे थे। संयुक्त राष्ट्र रोहिंग्या समुदाय को सबसे अधिक दमित अल्पसंख्यक बताता है। मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने रोहिंग्या लोगों की दुर्दशा लिए आंग सान सू ची और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

Seema Sharma

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