सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड: BJP नेता ने शीर्ष अदालत का किया रुख, बोले- हत्या की CBI जांच होनी चाहिए

Friday, Jun 03, 2022 - 06:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा की पंजाब इकाई के एक नेता ने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सीबीआई जांच का आग्रह करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। जगजीत सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मूसेवाला की हत्या में अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के शामिल होने का संदेह है, इसलिए मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जानी चाहिए। इसमें कहा गया कि राज्य प्रशासन न केवल अपराध को रोकने में "बुरी तरह विफल" रहा, बल्कि पंजाब में "भय और आतंक का माहौल" पैदा करने वाले गिरोहों के संघर्ष को रोकने में भी विफल रहा है।

अधिवक्ता नमित सक्सेना के माध्यम से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है, ‘‘दिनदहाड़े जिस तरह से निर्मम हत्या की गई, वह इस बात का संकेत है कि पंजाब राज्य में सरकारी मशीनरी न केवल अपराध को रोकने, बल्कि गिरोहों के बीच संघर्ष के खतरे को भी प्रभावी ढंग से रोकने के अपने कर्तव्य में बुरी तरह विफल रही है।'' याचिका में यह भी कहा गया है, ‘‘पंजाब राज्य में भय और आतंक का महौल है, जिसमें इस माननीय न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि पंजाब की पूरी आबादी के मौलिक अधिकार बड़े पैमाने पर खतरे में पड़ गए हैं।'' इसमें आरोप लगाया गया है कि लोकप्रिय गायक को अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट से जान से मारने की धमकी मिलने के बारे में जानकारी होने के बावजूद, राज्य सरकार ने बिना किसी कारण उनकी सुरक्षा में कटौती कर दी और इसे सार्वजनिक भी कर दिया।

याचिका में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों की आधिकारिक सुरक्षा वापस ले ली गई या कम कर दी गई, उनके नाम सार्वजनिक करने से राज्य सरकार की चूक सामने आई है। इसमें दावा किया गया कि मूसेवाला को पिछले दो वर्षों से अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट से जान से मारने की धमकी मिल रही थी और उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे। याचिका में कहा गया है कि मूसेवाला की हत्या पर मीडिया में एक "सार्वजनिक चर्चा" हो रही है जिससे जांच पर असर पड़ सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘...मृतक के पिता को पूर्ण न्याय देने और जनता में विश्वास जगाने के उद्देश्य से, इस न्यायालय को प्राथमिकी से संबंधित जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को स्थानांतरित करनी चाहिए। आरोपी व्यक्ति देश के विभिन्न राज्यों में भाग गए हैं और यदि वर्तमान प्राथमिकी केंद्रीय एजेंसी को हस्तांतरित की जाती है तो यह न्याय के हित में होगा।''

rajesh kumar

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