RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, इस फैसले से झूम उठा शेयर बाजार

Thursday, Aug 06, 2020 - 01:57 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस ‘कोविड-19' महामारी के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय लेते हुए वीरवार को कहा कि महंगाई को लक्षित दायरे में रखने और इस महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था के उबरने तक उसका रुख एकोमोडेटिव बना रहेगा। चालू वित्त वर्ष में समिति की तीन दिवसीय दूसरी बैठक के आज समाप्त होने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। 

अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार के संकेत

  • रेपो दर को चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, बैंक दर को 4.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैस्लीलिटी (एमएसएफ) को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। 
  • कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार के संकेत मिल रहे थे लेकिन इस महामारी से प्रभावितों की संख्या में हो रही तेज वृद्धि के कारण कुछ राज्यों और बड़े शहरों में फिर से लॉकडाउन लगाये जाने के कारण संकेतक फिर से शिथिल हो गये हैं। 
  • चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महँगाई बढ़ने की आशंका है लेकिन दूसरी छमाही में इसमें नरमी आ सकती है।

 

महंगाई की दर रह सकती है ऊंची

  • चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में महंगाई की दर ऊंची रह सकती है पर वर्ष की दूसरी छमाही में यह नीचे आ जाएगी। 
  • आपूर्ति की राह में अड़चने बनी हुई हैं इससे तमाम वर्ग की चीजों पर मुद्रास्फीति का दबाव है। 
  • वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक कारोबार कमजोर और कोविड-19 महामारी के बढ़ने से पुनरूद्धार के शुरुआती जो संकेत दिखते थे वह कमजोर पड़े हैं। 
  • भारत के कृषि क्षेत्र पर उम्मीद व्यक्त करते हुये कहा कि खरीफ की फसल अच्छी रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मांग सुधरेगी। 
  • भारत में कारोबार तेज होने लगा था लेकिन कारोना संक्रमण के मामले बढ़ने से मजबूरन कई जगह लॉकडाउन लगाना पड़ गया। 

ऑफलाइन डिजिटल भुगतान प्रणाली से कैशलेस बनेंगे गांव 

  • ऑफलाइन मोड में काडर् और मोबाइल डिवाइसों के जरिये खुदरा डिजिटल भुगतान की योजना जल्द शुरू की जायेगी। 
  • परीक्षण के तौर पर पहले छोटी राशि की भुगतान के लिए इस तरह की प्रणाली लायी जायेगी। परीक्षण सफल रहने पर इसका दायरा बढ़ाया जायेगा। 
  • मोबाइल फोन, काडर्, डिजिटल वॉलिट आदि के माध्यम से डिजिटल भुगतान काफी बढ़ा है, लेकिन दूरदराज के इलाकों में इसे अपनाने में इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत आ रही है। इसलिए काडर्, मोबाइल डिवाइसों और वॉलिट के जरिये ऑफलाइन भुगतान के विकल्प पर विचार किया जा रहा है ताकि डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिले।

 

समिति का मानना है कि चालू वर्ष की पहली छमाही में वैश्विक आर्थिक गतिविधियाँ उतार-चढ़ाव का सामना करती रहेंगी। दुनिया की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जुलाई में फिर से कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी आने से सुधार के संकेत धूमिल होने लगे हैं। हालाँकि वैश्विक वित्तीय बाजार में तेजी देखी जा रही है। वहीं आरबीआई की घोषणाओं का शेयर बाजार ने झूमकर स्वागत किया। वैसे बाजार में सुबह से ही तेजी थी और सेंसेक्स 200 अंक से अधिक की बढ़त बनाये हुये था, लेकिन  दास के बयान के बाद सेंसेक्स 550 अंक और निफ्टी 150 अंक चढ़ गया। 

 

vasudha

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