केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा,''राफेल सौदे में FIR या CBI जांच का कोई सवाल ही नहीं है''

Sunday, May 26, 2019 - 06:44 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने या सीबीआई जांच कराने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि शीर्ष न्यायालय पहले ही कह चुका है कि इस ‘संवेदनशील मुद्दे’ में उसके हस्तक्षेप करने के लिए कोई वजह नहीं है।

केंद्र ने कहा है कि नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट ने इन लड़ाकू विमानों की कथित ‘अत्यधिक कीमत’ के बारे में याचिकर्ताओं की मुख्य दलीलों को झूठा साबित कर दिया है। गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय के पिछले साल 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली याचिकाओं को केंद्र ने खारिज करने की मांग की है, जिसमें फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट से 36 लड़ाकू विमानों की खरीद पर सरकार को क्लीन चिट दी गई थी।

क्या कहा केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 39 पृष्ठों की अपनी लिखित दलील में केंद्र ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ऐसा कोई ठोस आधार नहीं पेश किया जो 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार को न्यायोचित ठहरा सके।

सरकार ने कहा कि खासतौर पर तब, जब यह न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंच गया कि सभी तीन पहलुओं पर-जो निर्णय लेने की प्रक्रिया, मूल्य निर्धारण और भारतीय ऑफसेट पार्टनर हैं। भारत सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के संवेदनशील मुद्दे पर इस अदालत के हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं हैं। साथ ही, कोई एफआईआर दर्ज करने या सीबीआई से जांच कराने का कोई सवाल ही नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राफेल मामले में 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिकाओं पर 10 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिन्हा, शौरी और भूषण के अलावा ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अधिवक्ता विनीत ढांढा ने भी पुनर्विचार याचिकाएं दायर की हैं।

 

Yaspal

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