संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं, जेपीसी की मांग पर समझौता नहीं हो सकता: रमेश
punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2023 - 04:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि संसद में गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं है, क्योंकि अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की विपक्ष की मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता और राहुल गांधी के माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि सरकार विपक्ष के 16 दलों के जेपीसी की मांग करने से बौखला गई है, इसलिए वह ‘3डी अभियान: डिस्टॉर्ट (विकृत करना), डिफेम (बदनाम करना) और डाइवर्ट (ध्यान भटकाना)' में लगी है।
रमेश ने आरोप लगाया कि विपक्ष की जेपीसी के गठन की मांग से ध्यान भटकाने के लिये भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है, जबकि राहुल गांधी ने कुछ ऐसा नहीं कहा है, जैसा कि सत्तापक्ष बता रहा है। उनके इस बयान से एक दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा था कि अगर विपक्ष वार्ता के लिए आगे आए, तो संसद में जारी मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष ‘दो कदम आगे बढ़ाए' तो सरकार उससे भी ‘दो कदम आगे बढ़ेगी'।
जेपीसी की मांग पर समझौता नहीं हो सकता
यह पूछे जाने पर कि संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता निकल सकता है, तो कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘मैं कोई बीच का रास्ता नहीं देखता, क्योंकि जेपीसी की हमारी मांग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता तथा (राहुल गांधी की) माफी का भी सवाल नहीं उठता।'' उन्होंने कहा, ‘‘जेपीसी से जुड़ी विपक्ष की वाजिब मांग से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा माफी की मांग कर रही है, लेकिन माफी किसलिए मांगें? उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। मुझे लगता है कि 16 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर जेपीसी की मांग की है, उससे सरकार बौखलाई गई है और इसलिए उन्होंने ‘3डी दुष्प्रचार अभियान' शुरू किया है।''
रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और कुछ अन्य देशों में भारत के विपक्ष की आलोचना की और राजनीतिक मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी को माफी मांगनी चाहिए, तो प्रधानमंत्री को मांगनी चाहिए।'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने जो कहा है, वो रिकॉर्ड का मामला है। राहुल गांधी ने हस्तक्षेप शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत के मामलों को आंतरिक रूप से हल करना है, उन्होंने यह भी कहा है कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया के लिए सौगात है।''
सदन में राहुल गांधी को बोलने का मौका क्यों नहीं मिला?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि यह धमकी देने की कोशिश है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद की प्रक्रिया होती है, उसके तहत सब होगा। रमेश ने सवाल किया कि राहुल गांधी को सदन में बोलने का मौका क्यों नहीं मिला? उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता, लेकिन गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास होता है, ताकि छवि खराब की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘संसद में गतिरोध के लिए सिर्फ और सिर्फ सत्ता पक्ष जिम्मेदार है।''
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