प्यार और बेरोजगारी के बीच की जद्दोजहद दिखाता ‘प्रेम पतंगा’

Tuesday, Nov 08, 2016 - 01:11 PM (IST)

चंडीगढ़, (नेहा): नौकरी चाहिए तो मेहनत करनी होगी और प्यार चाहिए तो इजहार करना होगा। अगर नहीं कर पाए तो खाली हाथ रह जाओगे। यह संदेश दिया गया प्रेम पतंगा नाटक के जरिए। 
चंडीगढ़ के थिएटर ग्रुप सात्विक आर्ट सोसायटी ने डिपार्टमैंट ऑफ कल्चरल अफेयर्स, हरियाणा के सहयोग से नैशनल थिएटर फैस्टीवल रंग संचार का आयोजन किया। इसकी शुरूआत सोमवार को टैगोर थिएटर में नाटक ‘प्रेम पतंगा’ से हुई। ये नाटक भोपाल से आए विहान ड्रामा वर्क्स के कलाकारों ने किया। नाटक का सारांश आज के युवा की जिंदगी पर निर्धारित रहा जिसकी खोज कभी प्यार तो कभी रोजगार पर आकर थम जाती है।नाटक का लेखन विमल चंद्र पांडेय और निर्देशन सौरभ अनंत द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि ये नाटक हर युवा की कहानी है जो प्यार करता है पर कह नहीं पाता, जो पढ़ा-लिखा है लेकिन नौकरी नहीं मिल रही। और इन दोनों की वजह से उसके दिल के अंदर की घुटन और जद्दोजहद को पेश किया गया है। जिसे आज का युवा हर रोज लड़ता है और जीतने की कोशिश करता है।

Advertising